क्षेत्रीय
02-Dec-2025
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रायगढ़(ईएमएस)। जिले में अवैध धान परिवहन और भंडारण के खिलाफ जिला प्रशासन ने अब तक का सबसे बड़ा अभियान चलाते हुए ताबड़तोड़ कार्रवाई की है। 30 नवंबर और 1 दिसंबर को चलाए गए विशेष अभियान में संयुक्त जांच दलों ने 12 मामलों में 4447.20 क्विंटल से अधिक धान जब्त कर अवैध कारोबारियों में हड़कंप मचा दिया है। खास बात यह है कि इनमें तीन अंतर्राज्यीय प्रकरण भी शामिल हैं। जब्त धान की कीमत 1 करोड़ 37 लाख 86 हजार रुपए से ज्यादा आंकी गई है। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के निर्देश पर यह अभियान खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए शुरू किया गया है ताकि बाहर से आने वाले धान की अवैध आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके। शासन किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीद रहा है, जिसका फायदा उठाने कोचिया और बिचौलिए ओडिशा से धान लाकर बेचने की फिराक में थे। कलेक्टर ने साफ कहा है कि वास्तविक किसानों के हितों से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। अपर कलेक्टर एवं धान खरीदी नोडल अधिकारी अपूर्व प्रियेश टोप्पो ने बताया कि लैलूंगा के ग्राम किलकिला में तहसीलदार टीम ने भूगदेव पैंकरा के ठिकाने से ओडिशा का 60 क्विंटल धान पकड़ा। पुसौर में पुलिस ने दो अलग मामलों में बरगढ़ (ओडिशा) के सुदाम साहू की पिकअप से 25.60 क्विंटल और बड़ेहरदी के आदित्य सागर के वाहन से 20 क्विंटल धान बरामद किया। सभी मामलों में अंतर्राज्यीय परिवहन के तहत प्रकरण दर्ज किए गए हैं। जिला खाद्य अधिकारी चितरंजन सिंह के अनुसार विभिन्न विकासखंडों के गोदामों में छिपाकर रखे गए धान की बड़ी खेप पकड़ी गई है। लैलूंगा के लारीपानी और आसपास के क्षेत्रों में बजरंग अग्रवाल के यहां 840 क्विंटल, त्रिलोक गर्ग के यहां 640 क्विंटल और दीपक जिंदल के यहां 820 क्विंटल धान जब्त किया गया। घरघोड़ा में शुभम ट्रेडर्स (दीपक अग्रवाल) के यहां 50 क्विंटल और रजत ट्रेडर्स (रजत अग्रवाल) के यहां 630 क्विंटल धान बरामद हुआ। धरमजयगढ़ में टिकेश्वर यादव के यहां 34.40 क्विंटल, सहनी लाल सिदार के यहां 49.20 क्विंटल और मनोज गुप्ता के यहां 78 क्विंटल धान मिला। खरसिया के ग्राम कुरू में लाभो दास महंत के गोदाम से सबसे बड़ी खेप—1200 क्विंटल धान जब्त किया गया है। अब तक जिले में कुल 68 मामलों में 12,454 क्विंटल धान जब्त हो चुका है, जिसकी कीमत 3 करोड़ 86 लाख रुपए से अधिक है। प्रशासन की इस कड़ी कार्रवाई से अवैध धान व्यापारियों की कमर टूट गई है। जिले में 25 चेकपोस्टों पर 24×7 निगरानी जारी है, जंगलों के वैकल्पिक रास्ते सील कर दिए गए हैं और विशेष टीमें लगातार फील्ड में सक्रिय हैं। प्रशासन का दावा है कि इन कदमों से समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रणाली और अधिक पारदर्शी व सुरक्षित हो रही है।