:: शहर में पहली बार नवकार परिवार की मेजबानी में 21 जैन पाठशालाओं का संयुक्त वार्षिक समारोह आयोजित :: इंदौर (ईएमएस)। इंदौर शहर के इतिहास में पहली बार, नवकार परिवार द्वारा संचालित मेघ संस्कार वाटिका के तत्वावधान में शहर की 21 जैन पाठशालाओं का संयुक्त वार्षिक समारोह अभय प्रशाल स्थित लाभ मंडपम सभागृह में आयोजित किया गया। यह गरिमामय उत्सव गणिवर्य डॉ. अजीत चंद्र सागर म.सा. के सानिध्य, मुंबई के समाजसेवी बाबूलाल चुन्नीलाल जैन एवं श्रीपाल भाई तथा रेसकोर्स रोड के समाजसेवी विपिन नीरु सोनी, जंबूभाई विस्मय जी धींग (डग, राज.) के आतिथ्य में संपन्न हुआ। गणिवर्य डॉ. सागर म.सा. ने इस मौके पर बच्चों और अभिभावकों को प्रेरित करते हुए कहा, श्रेष्ठ संस्कार ही समृद्ध समाज और संस्कारित राष्ट्र की आधारशिला होती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि बच्चों को उपहार या खिलौने नहीं दिए गए तो वे केवल घंटे-दो घंटे रोएंगे, लेकिन यदि उन्हें श्रेष्ठ संस्कार नहीं दिए गए तो वे और उनका परिवार भी जीवनभर रोएगा। मेघ संस्कार वाटिका के संचालक जयंत खाब्या, शुभम पटवा एवं प्रणय चौरड़िया ने बताया कि वाटिका की स्थापना प.पू. मेघचंद सागर म.सा. की पुण्यस्मृति में प.पू. आनंदचंद सागर म.सा. द्वारा की गई थी और अब तक 6 संस्कार सेमिनार आयोजित किए गए हैं। प्रारंभ में 500 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं, जिनमें से 350 बच्चों को एटीएम कार्ड (अटेंडेंस एवं टैलेंट मैनर्स कार्ड) दिए गए। इन कार्डों के माध्यम से बच्चों को माता-पिता का सम्मान करने, मोबाइल का कम उपयोग करने, संस्कारी दोस्त बनाने और भविष्य में परिवार का श्रेष्ठ नायक बनने तथा राष्ट्र की सेवा करने जैसे प्रेरक सन्देश दिए गए। इस मौके पर जिन बच्चों ने स्कूल एवं संस्कार वाटिका परीक्षा में 75% और 90% से अधिक अंक प्राप्त किए, उन्हें नगद ₹3 हजार और ₹5 हजार के पुरस्कार दिए गए। तिलक नगर, रेसकोर्स रोड, गुमास्ता नगर और द्वारकापुरी की पाठशालाओं के नन्हे-मुन्हे बच्चों ने मनोहारी और प्रेरक नाट्य प्रस्तुतियां देकर सभी मेहमानों को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम के अंत में सभी पाठशालाओं की शिक्षिकाओं का बहुमान भी किया गया। समारोह में डॉ. प्रकाश बांगानी, कीर्तिभाई–डॉ. प्रतिभा डोसी, विपिन-प्रियंका कोचर जैसे अनेक समर्पित समाजसेवी भी विशेष रूप से उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत विनित मेहता, शरद शाह, नीलेश कोचर, अंश पारिख, संयम जैन एवं संयम मेहता ने किया। कार्यक्रम का संचालन प्रवीण गुरूजी एवं चेन्नई से आए विपिन सत्तावत ने किया, और अंत में संचालक जयंत खाब्या ने आभार माना। अनेक दानवीर बंधुओं ने संस्कार शिविर और वाटिका संचालन में सहयोग हेतु राशि भी भेंट की। प्रकाश/02 दिसम्बर 2025