राज्य
02-Dec-2025


-मंत्री होने के नाते, हर कार्यकर्ता की समस्या का समाधान करना हमारा दायित्व -यह व्यवस्था जनसमस्याओं के तेज और पारदर्शी समाधान की गारंटी है -राकेश सिंह भोपाल(ईएमएस)। मध्यप्रदेश शासन के मंत्री राकेश सिंह एवं दिलीप अहिरवार ने मंगलवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में दोपहर 01 से 03 बजे तक प्रदेश भर से आए पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद कर उनकी जनसमस्याओं का त्वरित समाधान किया। जिन जनसमस्याओं का त्वरित समाधान नहीं हो सका, उन्हें संबंधित विभागों को भेजा गया है। कार्यकर्ताओं से संवाद एवं समन्वय के बाद मध्यप्रदेश शासन के मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि चाहे सरकार में मंत्री हों या जनप्रतिनिधि, सभी मूल रूप से भाजपा कार्यकर्ता हैं। शासन में बैठे कार्यकर्ताओं का यह दायित्व बनता है कि वह संगठन की मजबूती के लिए कार्यकर्ताओं से संवाद करें। मंत्री होने के नाते, हर कार्यकर्ता की समस्या का समाधान करना हमारा दायित्व है। संवाद की इस व्यवस्था से कार्यकर्ताओं की बात सही मंच पर पहुंच रही है और उनका समाधान भी हो रहा है। कार्यकर्ताओं से संवाद व समन्वय की यह व्यवस्था जनसमस्याओं के तेज और पारदर्शी समाधान की गारंटी है। जनसमस्याओं को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद व समन्वय सराहनीय पहल मध्यप्रदेश शासन के मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि कार्यकर्ताओं के दायित्व समय-समय पर बदलते रहते हैं। कभी संगठन में, कभी सरकार में और कभी जनप्रतिनिधि के रूप में कार्यकर्ता कार्य करते हैं। लेकिन उनकी मूल पहचान और मूल कार्य पार्टी के कार्यकर्ता होने का है। प्रदेश शासन के मंत्री होने के नाते दायित्व है कि पार्टी कार्यालय आने वाले कार्यकर्ताओं की बात सुनी जाए और उनकी जनसमस्याओं पर चर्चा की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व विधायक हेमंत खण्डेलवाल ने कार्यकर्ताओं से संवाद कर क्षेत्र की जनसमस्याओं को आसानी से समाधान के लिए प्रदेश शासन के मंत्रियों की भाजपा प्रदेश कार्यालय में सोमवार से शुक्रवार तक बैठक व्यवस्था की है। सभी मंत्रियों के लिए अलग-अलग दिन तय किए गए हैं, जिनमें वे प्रतिदिन 2 घंटे कार्यालय में बैठकर कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य कार्यकर्ताओं के साथ संवाद और उनके जनसमस्याओं का त्वरित निराकरण करना है। कई बार क्षेत्र की जनसमस्याओं को लेकर कार्यकर्ताओं को परेशान होना पड़ता है। यह व्यवस्था उनके कामों को शीघ्रता से निपटाने में सहायक होगी। कार्यकर्ता जब अपनी बात सही मंच तक पहुंचाता है, तो उसके भीतर आत्मविश्वास भी बढ़ता है। यह संवाद व्यवस्था संगठन को और मजबूत बनाने के साथ कार्यकर्ता को यह अनुभव कराती है कि उसकी बात सही मंच पर पहुंच गई है। हरि प्रसाद पाल / 02 दिसम्बर, 2025