ज़रा हटके
06-Dec-2025
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काहिरा (ईएमएस)। मिस्र के भूमध्य सागर में गोताखोरों ने पानी के कई फीट नीचे ऐसा अनोखा संसार खोज निकाला। इस अदभूत खोज ने वैज्ञानिकों की सोच को झकझोर कर रख दिया है। यह खोज उस प्राचीन सभ्यता से जुड़ी है, जो लगभग 2,550 वर्ष पहले रहस्यमय तरीके से धरती से गायब हो गई थी। विशेषज्ञों के अनुसार, यह खोज दक्षिण-पूर्व एशिया के मानव इतिहास संबंधी स्थापित मान्यताओं को चुनौती देने वाली है। साल 2023 में भूमध्य सागर तट के पास एक नहर की खोज के दौरान पुरातत्वविदों की टीम को पानी के भीतर एक विशाल डूबे हुए मंदिर के अवशेष मिले। मंदिर के आसपास खुदाई करते हुए वैज्ञानिकों को हजारों साल पुराने खजाने मिले, जिनका संबंध मिस्र के देवता ‘अमुन’ और प्रेम व सौंदर्य की ग्रीक देवी ‘अफ्रोडाइट’ से बताया जा रहा है। यह मंदिर प्राचीन शहर ‘थोनिस-हेराक्लिओन’ का हिस्सा था, जो कभी मिस्र का सबसे महत्वपूर्ण समुद्री बंदरगाह था। इतिहासकारों का कहना है कि यहीं पर मिस्र के फराओ देवता अमुन की पूजा करते थे और शासन करने का दिव्य अधिकार प्राप्त करते थे। यह क्षेत्र कभी व्यापार, संस्कृति और धार्मिक केंद्र रहा था, लेकिन आज पूरी तरह समुद्र की तह में समा चुका है। इतिहासकारों के अनुसार, दूसरी सदी ईसा पूर्व में आए एक भयानक भूकंप और सुनामी ने इस समृद्ध शहर को तबाह कर दिया। धरती अचानक नरम होकर धंसने लगी और पूरा क्षेत्र पानी में डूब गया। शहर अब आधुनिक तटरेखा से लगभग 7 किलोमीटर अंदर समुद्र की तलहटी में स्थित है। मंदिर की खुदाई में चांदी से बने धार्मिक औजार, सोने के आभूषण, इत्र रखने के लिए अलबास्टर के बर्तन और मजबूत लकड़ी से बने 5वीं सदी ईसा पूर्व के ढांचे बरामद हुए, जो अब भी अच्छी स्थिति में हैं। साथ ही कांस्य और मिट्टी की अनेक ग्रीक कलाकृतियां और हथियारों का बड़ा भंडार भी मिला है, जो यह संकेत देता है कि यहां कभी ग्रीक भाड़े के सैनिक तैनात थे, जो नील नदी के पश्चिमी छोर की सुरक्षा करते थे। खुदाई अभियान के प्रमुख फ्रैंक गोडियो ने कहा, “इतने विनाशकारी हादसे के बाद भी इतने नाज़ुक और कीमती सामान का मिलना भावुक कर देने वाला है। खासकर अफ्रोडाइट देवी का मंदिर मिलना यह साबित करता है कि मिस्र में बसने और व्यापार करने आए ग्रीक लोग अपने देवताओं की पूजा भी करते थे।” सुदामा/ईएमएस 06 दिसंबर 2025