पशु विभाग के उपसंचालक पर कार्रवाई के लिए लिखा प्रमुख सचिव को पत्र छिंदवाड़ा जबलपुर (ईएमएस)। पशुपालन और डेयरी विभाग में हुए लाखों रूपए के घोटाले का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है, बताया जा रहा है कि इस मामले कि शिकायत अब ईओ डब्ल्यू तक पहुंच गई है। इस मामले में ईओडब्ल्यू जल्द संज्ञान लेगा। इस मामले कि शिकायत भाजपा नेता श्रीचंद चौरिया ने पिछले दिनों आर्थिक अपराध अन्वेषण के कार्यालय में कराई है। अपनी शिकायत में श्री चौरिया ने आरोप लगाते हुए बताया कि छिंदवाड़ा और पांढुर्ना जिले के 100 केंद्रों पर 75 लाख 54 हजार रूपए का खर्च बताकर फर्जी तरीके से राशि का आहरण किया गया। उन्होंने बताया कि मुख्य ग्राम ईकाई कुंडालीकला, रोहनाकला, गुरैया तीनों सेंटर ग्राम पंचायत के पुराने ग्राम पंचायत में संचालित हैं जहां पर बिजली के कनेक्शन भी नहीं हैं। बिना बिजली कनेक्शन के खण्डर भवन में 4-6 लाईट एवं एक खम्बा लगाकर 50 हजार 250 रूपए प्रति सेंटर से निकाले गए केन्द्र प्रभारी से चर्चा हुई तो बताया गया कि हमें राशि की कोई जानकारी नहीं है। केन्द्र प्रभारी ने बताया कि 3 से 4 हजार रूपए का ही काम हुआ। इस तरह श्रीचंद चौरिया ने सभी सेंटरों की जांच कर पशु पालन एवं डेयर विभाग के उपसंचालक और अन्य डाक्टरों पर कार्रवाई की मांग रखी है। उन्होंने बताया कि पशु चिकित्सालय के उपसंचालक एचजीएस पक्षवार के प्रस्ताव पर जिले के 100 केन्द्रों के लिए बिजली मरम्मत के लिए 75 लाख 54 हजार की राशी स्वीकृत हुई थी। जबकि ये केंद्र पूरी तरह खंडहर हो चुके है। यहां किसी तरह के बिजली उपकरण नहीं लगाए गए हैं। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के सहायक महानिरीक्षक ने भाजपा नेता श्रीचंद चौरिया द्वारा उपसंचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग एचजीएस पक्षवार, डॉ. बलराम सालेवार और डॉ. क्षेत्रपाल टांडेकर केन्द्र प्रभारी एवं अन्य के विरूद्ध प्राप्त शिकायत पत्र को कार्रवाई के लिए मध्यप्रदेश शासन के प्रमुख सचिव पशुपालन एवं डेयरी विभाग को भेज दिया है। कम लगे उपकरण और निकाल ली पूरी राशि शिकायतकर्ता के मुताबिक अधिकारियों ने मिली भगत कर भवनों में ६ बल्व, २ टयूब लाईट, २ फेन लगाए और बदले में १ लाख ३५० रूपए निकाल लिए गए। इस तरह विभाग ने जिले के अंचलों में स्थित कई कार्यालय में बिजली का सामान कम लगाने और बिल अधिक निकाल कर राशि का बंदरबांट कर लिया। अंगद के पैर की तरह जमें है उप संचालक बताया जा रहा है कि वर्तमान में पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डॉ. एचजीएस पक्षवार करीब २0 वर्ष पहले छिंदवाड़ा में आए थे। उनकी पोस्टिंग ईमलीखेड़ा के कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र में डॉक्टर के पद पर की गई थी। इस बीच उनका प्रमोशन उपसंचालक के पद पर हुआ और इसी बीच वे बैतूल पशु चिकित्सा विभाग चले गए थे। यहां दो साल रहने के बाद उन्होंने जुगाड़ लगाकर फिर अपनी पोस्टिंग उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवा के पद पर छिंदवाड़ा में करा ली, तब से लेकर अब तक वे यही पदस्थ हैं। नियम कानून ताक पर शासकीय सेवा में पारदर्शिता और ईमानदारी कायम रहे इसलिए सरकारी विभागों में पदस्थ अपसरों के ट्रांसफर तीन साल में किया जाना जरूरी है, लेकिन इन महाशय का एक ही स्थान पर लंबे समय से जमे रहने से सारे नियम कानूनों की धज्जियां उड़ रही है। राज्य शासन का इस पर ध्यान नहीं है। इसका फायदा उठाकर उपसंचालक मनमानी पर उतारू हैं। ईएमएस / 06/12/2025