खेल
07-Dec-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज का दूसरा टेस्ट मुकाबला ब्रिस्बेन में पिंक बॉल के साथ खेला जा रहा है, और मैच का रोमांच चरम पर है। पर्थ में हुआ पहला टेस्ट ऑस्ट्रेलिया ने आठ विकेट से जीतकर पांच मैचों की इस प्रतिष्ठित सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल की थी। दोनों टीमों के बीच यह ऐतिहासिक मुकाबला अब मेलबर्न की ओर बढ़ रहा है, जहां 26 दिसंबर से चौथा टेस्ट मैच खेला जाएगा, जिसे क्रिकेट जगत में ‘बॉक्सिंग डे टेस्ट’ के नाम से जाना जाता है। क्रिकेट प्रेमियों के बीच यह मुकाबला केवल एक टेस्ट मैच नहीं, बल्कि एक परंपरा, एक उत्सव और खेल संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। हालांकि नाम सुनकर कई लोगों के मन में आता है कि इसका संबंध मुक्केबाजी से है, लेकिन बॉक्सिंग डे का संबंध बिल्कुल अलग और भावनात्मक परंपरा से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि क्रिसमस के अगले दिन यानी 26 दिसंबर को ब्रिटेन में उन लोगों को छुट्टी दी जाती थी जो पूरे त्योहारी दिन काम करते थे जैसे घरेलू सहायक, पोस्टमैन, डिलीवरी कर्मचारी या जरूरतमंद कामगार। उन्हें एक बॉक्स में गिफ्ट या बोनस दिया जाता था, इसलिए इसे ‘बॉक्सिंग डे’ कहा गया। वहीं दूसरी मान्यता यह बताती है कि क्रिसमस पर चर्च में गरीबों के लिए दान का एक बॉक्स रखा जाता था जिसे अगले दिन खोला जाता था और इसकी सामग्री जरूरतमंदों में वितरित की जाती थी। इस परंपरा में ‘गिफ्ट बॉक्स’ का भाव महत्वपूर्ण था मुक्केबाजी का कोई संबंध नहीं। यही कारण है कि जब 26 दिसंबर से शुरू होने वाले टेस्ट मैच खेले जाने लगे तो उन्हें ‘बॉक्सिंग डे टेस्ट’ का नाम दिया गया। बॉक्सिंग डे टेस्ट की शुरुआत 1892 में मेलबर्न में खेले गए शेफील्ड शील्ड मुकाबले से हुई थी। बाद में ऑस्ट्रेलिया ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाया और यूके, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका ने भी इस तारीख को टेस्ट मैच आयोजित करने की परंपरा अपनाई। हालांकि नियमित रूप से हर साल बॉक्सिंग डे टेस्ट आयोजित करने की परंपरा आज भी सबसे दृढ़ता से ऑस्ट्रेलिया ही निभा रहा है। बॉक्सिंग डे टेस्ट की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हर साल मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) में रिकॉर्ड दर्शक जुटते हैं। पिछले वर्ष भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए बॉक्सिंग डे टेस्ट में दर्शकों की उपस्थिति ने नया रिकॉर्ड बनाया था। पांच दिनों में कुल 3,73,691 से अधिक दर्शक स्टेडियम में आए, जिसने 1937 के 3,50,534 दर्शकों के पुराने रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। केवल पांचवें दिन ही 74,000 से ज्यादा प्रशंसक एमसीजी पहुंच गए थे। एशेज के इस खास मुकाबले में इस बार भी भारी भीड़ की उम्मीद है। दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमी 26 दिसंबर का इंतजार कर रहे हैं, जब फिर से इतिहास, परंपरा और रोमांच एक ही मैदान पर नजर आएंगे। डेविड/ईएमएस 07 दिसंबर 2025