नई दिल्ली (ईएमएस)। ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञों का कहना है कि शराब और सिगरेट आपको भले तुरंत नुकसान न पहुंचाएं, लेकिन लगातार बढ़ता तनाव कम उम्र में मौत की वजह बन सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, “एक्चुअली अल्कोहल और स्मोकिंग आपको नहीं मार रहे, बल्कि आपका स्ट्रेस आपको अंदर ही अंदर खत्म कर रहा है।” जब कोई व्यक्ति मानसिक रूप से दबाव महसूस करता है, तो शरीर कॉर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे हार्मोन रिलीज करता है, जो लंबे समय तक बढ़े रहने पर शरीर के कई महत्वपूर्ण फंक्शंस पर सीधा असर डालते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि लोग ज्यादातर तनाव को केवल मानसिक समस्या मानते हैं, जबकि यह पूरे शरीर को प्रभावित करता है। इसके कई संकेत शारीरिक रूप से भी महसूस होते हैं। जैसे लगातार पीठ का दर्द, सिरदर्द, मांसपेशियों में खिंचाव या गांठें, कंधों में जकड़न, दांत भींचना, जबड़े में दर्द आदि। तनाव की स्थिति में शरीर सिकुड़ने और कसने लगता है, जिससे रक्त संचार भी प्रभावित होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि तनाव का सबसे बड़ा असर तब दिखाई देता है जब व्यक्ति ठीक से नींद नहीं ले पाता। जब शरीर को गहरी नींद नहीं मिलती, तो रिकवरी की प्रक्रिया रुक जाती है। उन्होंने बताया कि अच्छी और गहरी नींद शरीर के लिए रीसेट मैकेनिज्म की तरह काम करती है इसी दौरान मसल्स रिलैक्स होती हैं, टिश्यू रिपेयर होते हैं और स्ट्रेस हार्मोन कम होते हैं। यदि यह प्रक्रिया रुक जाए तो स्ट्रेस कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है, जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, डिप्रेशन और इम्यून सिस्टम कमजोर होना। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि रोजाना कम से कम 7 से 8 घंटे की क्वालिटी स्लीप, नियमित एक्सरसाइज, डीप ब्रीदिंग, ध्यान (मेडिटेशन), समय प्रबंधन और पॉजिटिव सोशल कनेक्शन से तनाव को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। डॉक्टरों का स्पष्ट संदेश है अगर तनाव पर नियंत्रण नहीं रखा गया तो यह सिगरेट और शराब से भी अधिक घातक साबित हो सकता है। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य को भी उतनी ही प्राथमिकता दें, जितनी शारीरिक फिटनेस को देते हैं। बता दें कि एक स्वस्थ और फिट जीवन हर किसी की चाहत होती है, लेकिन अक्सर अनजाने में ही कुछ आदतें हमारी सेहत की दुश्मन बन जाती हैं। आमतौर पर लोग जानते हैं कि सिगरेट और शराब स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदेह हैं, इसलिए कई लोग इनसे दूरी बनाकर रखते हैं। लेकिन इससे भी ज्यादा खतरनाक होता है तनाव जिसका सामना आज लगभग हर व्यक्ति कर रहा है। सुदामा/ईएमएस 07 दिसंबर 2025