राज्य
07-Dec-2025
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2017 से सम्मान ठप, ये है बीजेपी सरकार का ओबीसी प्रेम? भोपाल (ईएमएस)। मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के सम्मान से जुड़े तीन महत्वपूर्ण राज्य स्तरीय पुरस्कारों के वर्षों से बंद पड़े होने के मुद्दे ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अभिनव बरोलिया ने भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि यह स्थिति न केवल सरकारी लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि ओबीसी समाज के प्रति सरकार की संवेदनशीलता केवल चुनावी मौकों तक सीमित है। 2017 से बंद पड़े हैं तीन प्रमुख पुरस्कार विधानसभा में पेश हुई पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति (2024-25) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि स्व. रामजी महाजन स्मृति सम्मान, महात्मा ज्योतिबा फुले पिछड़ा वर्ग सेवा राज्य पुरस्कार और सावित्रीबाई फुले राज्य पुरस्कार वर्ष 2017 के बाद से लगभग ठप पड़े हैं। इन पुरस्कारों का उद्देश्य पिछड़ा वर्ग के उत्थान, उनके योगदान को सम्मानित करना और समाज में आदर्श प्रस्तुत करना था, लेकिन रिपोर्ट से स्पष्ट है कि पिछले 7-8 वर्षों में इन्हें लेकर सरकार ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। अभिनव बरोलिया ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इससे ओबीसी समाज के प्रति सरकार की सोच उजागर हो गई है। भाजपा सरकार के लिए ओबीसी समाज केवल चुनावी अवसरों पर याद आने वाला वोट बैंक बनकर रह गया है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि “सरकार के पास योग्य व्यक्तियों की कमी नहीं, कमी है तो राजनीतिक इच्छाशक्ति की। सम्मान जिन्हें प्रेरणा का स्तंभ बनना था, वे आज सरकारी फाइलों में दम तोड़ रहे हैं।” बरोलिया ने कहा कि यदि सरकार इन पुरस्कारों को पुनः शुरू करने की इच्छाशक्ति नहीं रखती तो उन्हें औपचारिक रूप से बंद करने की घोषणा कर दे, ताकि समाज को भ्रमित न किया जाए। उन्होंने इसे सरकार की “घोर उदासीनता” बताते हुए कहा कि चुनावी मौसम में ओबीसी समाज की याद आती है, पर चुनाव समाप्त होते ही योजनाएँ और सम्मान दफन हो जाते हैं। ओबीसी केवल वोट बैंक नहीं, मध्य प्रदेश की सामाजिक रीढ़ है। भाजपा सरकार ने ओबीसी समाज के गौरव और योगदान को हाशिये पर धकेल दिया है। यह रवैया एक बड़े सामाजिक वर्ग की अस्मिता का अपमान है। उन्होंने कहा कि “प्रदेश कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक, ओबीसी के अधिकार, प्रतिनिधित्व और सम्मान की लड़ाई जारी रखेगी।”