व्यापार
07-Dec-2025
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- अमेरिका की फेड बैठक से ब्याज दरों का फैसला बाजार की दिशा तय करेगा - अमेरिका-भारत संभावित व्यापार समझौते पर निवेशकों की नजर - मिडकैप और स्मॉलकैप में मूल्य आधारित खरीदारी संभव  मुंबई (ईएमएस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए आगामी सप्ताह महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सरकार 12 दिसंबर को खुदरा महंगाई (सीपीआई) के आंकड़े जारी करेगी। अक्टूबर में महंगाई लगभग 0.25 फीसदी दर्ज की गई थी। इस बार यदि महंगाई नियंत्रित रहती है, तो निवेशकों को राहत मिलेगी और बाजार में तेजी की उम्मीद बढ़ सकती है। वहीं महंगाई बढ़ने की स्थिति में बाजार सतर्क रवैया अपना सकता है। उसी दिन विदेशी मुद्रा भंडार और आर्थिक वृद्धि (जीडीपी) से जुड़े आंकड़े भी सामने आएंगे। विदेशी मुद्रा भंडार में उतार-चढ़ाव रुपये की स्थिति और विदेशी निवेश धारणा पर असर डालता है, जिससे बाजार की दिशा पर सीधे प्रभाव पड़ता है। वैश्विक कारक भी अगले सप्ताह बाजार को प्रभावित करेंगे। अमेरिका की फेडरल रिजर्व बैठक से ब्याज दरों पर फैसला आएगा। दरों में स्थिरता या कटौती का संकेत भारतीय बाजार के लिए सकारात्मक रहेगा, जबकि बढ़ोतरी या सख्त रुख की स्थिति वैश्विक बाजारों में दबाव ला सकती है। इसके अलावा अमेरिका के रोजगार डेटा, औद्योगिक उत्पादन और मुद्रास्फीति से जुड़े संकेत भी निवेशकों की नजर में रहेंगे। हाल ही में रूस-भारत संबंधों में प्रगति हुई है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने रक्षा, व्यापार, अर्थव्यवस्था, शिक्षा और संस्कृति समेत 16 समझौते किए। पुतिन ने भारत को ईंधन की निरंतर आपूर्ति का आश्वासन भी दिया। वहीं, अमेरिका के साथ संभावित व्यापार समझौते की बातचीत भी जारी है। निवेशक इस संतुलन और सकारात्मक संकेतों पर नजर रखेंगे। मिडकैप और स्मॉलकैप में हाल की कमजोरी के बाद मूल्य आधारित खरीदारी लौट सकती है। आईटी और मेटल सेक्टर पर निगाह बनी रहेगी। ऊर्जा और एफएमसीजी सेक्टर में फिलहाल स्थिर दृष्टिकोण रहने की संभावना है। सतीश मोरे/07‎‎दिसंबर ---