07-Dec-2025
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- कांग्रेस ने लगाया आरोप- इंडिगो एयरलाइन ने बीजेपी को भारी चंदा दिया नई दिल्ली,(ईएमएस)। इंडिगो संकट के चलते हजारों पैसेंजर्स परेशान हैं। इस बीच इस मामले पर सियासत तेज हो गई। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इंडिगो एयरलाइन ने बीजेपी को भारी चंदा दिया है। कांग्रेस का कहना है कि इसी वजह से मोदी सरकार ने एविएशन सेक्टर में इंडिगो को वर्चुअल मोनोपॉली दी है। इसका खामियाजा देश और नागरिक को भुगतना पड़ रहा हैं। कांग्रेस सांसद और प्रवक्ता शशीकांत सेंथिल ने बताया कि चुनावी बॉन्ड की खरीद के रिकॉर्ड बताते हैं कि इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब ने करीब 36 करोड़ के बॉन्ड खरीदे। वहीं, इसके प्रमोटर राहुल भाटिया ने करीब 20 करोड़ के बॉन्ड खरीदे। सेंथिल का दावा है कि इनमें से ज्यादातर बॉन्ड बीजेपी ने भुनाए। उन्होंने सवाल उठाया कि जिस सेक्टर में कभी अच्छी प्रतिस्पर्धा थी, वह अब एक कमजोर डुओपॉली यानी दो कंपनियों का दबदबा बनकर रह गया है। क्या बीजेपी से वित्तीय नजदीकी ने इस बिगड़ी हुई स्थिति को बनाने में कोई भूमिका निभाई? सेंथिल ने यह भी कहा कि इस संकट के बीच सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए बनाए गए नियमों को भी वापस ले लिया है। ये नियम पायलटों की थकान की समस्या को दूर करके फ्लाइट सेफ्टी को बेहतर बनाने के लिए लागू किए गए थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हवाई यात्रा संकट को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि इंडिगो सेवाओं में चल रही व्‍यवधान आकस्मिक नहीं है, बल्कि यह सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार के विमानन क्षेत्र में एकाधिकार बनाने के निरंतर प्रयास का नतीजा है। पिछले कुछ दिनों से देश भर में चल रहे यात्रा संकट की ओर इशारा करते हुए, तमिलनाडु से कांग्रेस सांसद शशिकांत सेंथिल ने कहा कि 5 दिसंबर को इंडिगो की एक हजार से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द होने और उसके बाद 6 दिसंबर को सैकड़ों और फ्लाइट्स रद्द होने से भारत की हवाई यात्रा प्रणाली पूरी तरह ध्वस्‍त हो गई है। सेंथिल ने कहा कि यह संकट कोई स्‍वाभाविक विफलता नहीं है। यह बीजेपी सरकार का पूर्वानुमानित परिणाम है जो प्रतिस्‍पर्धा को खत्‍म करने, पसंदीदा लोगों को पुरस्‍कृत करने और पूरे राष्ट्रीय उद्योग को कॉर्पोरेट सहयोगियों के एक छोटे से समूह के हिसाब से बदलने पर तुली है। उन्होंने तर्क दिया कि एविएशन सख्त सुरक्षा नियमों और लगातार निगरानी पर निर्भर करता है, उसे एक ऐसे नीतिगत ढांचे के कारण अस्थिरता में धकेल दिया है जो विनियामक जांच को कमजोर करता है और मुट्ठी भर निजी खिलाड़ियों की पकड़ को मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ गैर-जिम्मेदाराना नहीं है, बल्कि बेहद शर्मनाक है। पायलटों की थकान को रोकने के लिए विशेष रूप से बनाए गए नियमों को खत्म करके, बीजेपी सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाला है और कॉकपिट क्रू की सुरक्षा को अनिश्चितता में डाल दिया है। स्थिति को स्थिर करने के बजाय, उन्होंने इसे और गहरा कर दिया है। इसने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सुरक्षा और जवाबदेही इस प्रशासन के लिए अपने पसंदीदा निगमों की सुविधा के सामने कोई मायने नहीं रखती। सिराज/ईएमएस 07दिसंबर25