सतना, उमरिया में आपराधिक मामले दर्ज होने के बाद आया जबलपुर : बदल लिया सरनेम जबलपुर (ईएमएस)। गत दिवस जबलपुर पुलिस दके हाथ लगे 3 साल से फरार डेढ़ लाख का इनामी खनन माफिया, चिटलर अमित खंपरिया 2018 में जबलपुर उत्तर मध्य विधान सभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में भी उतर था। हालांकि उसने बाद में भाजपा प्रत्याशी का समर्थन कर दिया था । यह बात दीगर रही कि तब भाजपा प्रत्याशी को भ्ी इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था। अमित खंपरिया को महाराष्ट्र के नागपुर से गिरफ्तार किया है। वह फरारी के दौरान अपने पिता अनिरुद्ध चतुर्वेदी के साथ किराए के अपॉर्टमेंट में रह रहा था। इस दौरान अमित ने मुंबई के एक बड़े अस्पताल में सर्वाइकल का इलाज भी कराया था। बताया जाता है कि अमित खंपरिया पर उमरिया और सतना में कई आपराधिक मामले दर्ज हो जा नेे पर वह जबलपुर आ गया और पुलिस से बचने के लिए वह अपने नाम में चतुर्वेदील की जगह जबलपुर के संजीवनी नगर निवासी अपने मामा का सरनेम इस्तेमाल करने लगा। जबलपुर में रहते हुए उसने अपने सारे दस्तावेज वोटर आईडी, आधार कार्ड, पैन कार्ड भी इसी नाम से बनवा लिए और इस तरह धीरे-धीरे लोग उसे अमित खंपरिया के नाम से ही जानने लगे। उमरिया, सतना में अपराध करने के बाद जब ये जबलपुर आया तो इसने 2010 में भेड़ाघाट क्षेत्र में भी मारपीट की थी जिसके बाद भेड़ाघाट थाने में इसके खिलाफ हत्या के प्रयास, बलवा का मामला दर्ज किया गया। फिलहाल गिरफतारी के बाद उसे कल पुलिस ने अदालत में पेश कर तीन दिन की रिमांड पर लिया है तथा रिमांड की अवधि में उससे गहन पूछताछ की जा रही है। यह भी ज्ञात हुआ है कि उसके मामला प्रकाश खंपरिया खनन व टोल वसूली के कारोबार से जुड़े थे लिहाजा यहां आने के बाद अमित ने भी 2010-11 में मंडला जिले के खटिया थाना क्षेत्र में स्थित इंद्री गांव के पास कन्हार नदी पर बने टोल का ठेका लिया था, जो कि कान्हा नेशनल पार्क को जोड़ती है। यहां अमित ने टोल ठेके में बैंक गारंटी, संपत्ति से जुड़े दस्तावेज पिता अनिरुद्ध प्रसाद सिंह चतुर्वेदी व मौसा रामजी द्विवेदी के नाम के लगाए थे। अमित और टोल ठेके पर मौजूद उसके गुर्गे कान्हा नेशनल पार्क जाने वाले पर्यटकों से तय राशि की बजाय तीन से चार गुना अधिक टोल टैक्स वसूलने लगे। 31 मई और 7 जून 2011 को उसके खिलाफ खटिया थाने में धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज करवाई गई थी। इस मामले में पुलिस नेअमित खंपरिया के साथ पिता अनिरुद्ध प्रसाद, मौसा रामजी द्विवेदी, दशरथ प्रसाद तिवारी, गौरव माली, अनूप उर्फ अरुण जयसवाल, उमेश पांडे, मोनू दुबे को आरोपी बनाया था। धोखाधड़ी के दोनों प्रकरणों में तृतीय सत्र न्यायाधीश डीआर अहिरवार की कोर्ट ने 22 सितंबर 2021 को पांच-पांच साल का कठोर कारावास और 1-1 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया था। धोखाधड़ी के इस मामले में मंडला पुलिस ने अमित खंपरिया को 24 फरवरी 2022 को अमित खंपरिया को मंडला पुलिस ने कटनी-उमरिया मार्ग से गिरफ्तार किया था। कुछ दिन बाद अमित खंपरिया के दिल में अचानक दर्द उठा, इलाज के लिए उसे मंडला जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां भर्ती रहते उसने उच्च न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल की थी। मार्च 2022 के पहले सप्ताह में ही उसे उच्च न्यायालय र् से जमानत मिल गई थी और इसके बाद से वह फरार था , जो 5 दिसंबर 2025 की देर रात पुलिस के हाथ आया। बहरहाल उससे अभी पूछताछ जारी है जिसमें कुछ और नए खुलासे होने की संभावना है। .../ 7 दिसम्बर /2025