वाराणसी (ईएमएस) । पत्र सूचना कार्यालय वाराणसी द्वारा काशी तमिल संगमम 4.0 के आयोजन के क्रम में आज वाराणसी में वार्तालाप कार्यक्रम (मीडिया कार्यशाला) का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में लगभग 100 पत्रकारों द्वारा भागीदारी की गयी। मीडिया कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन दयाशंकर मिश्र दयालु तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में वाराणसी के मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने संबोधित किया। कार्यशाला में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. प्रभाकर सिंह, काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष अरुण मिश्र, बैंक ऑफ़ बड़ौदा के उप महाप्रबंधक मनोज कुमार बख्शी तथा पत्र सूचना कार्यालय के निदेशक दिलीप कुमार शुक्ल, जय सिंह, आईआईएस ने भी भाग लिया। मीडिया कार्यशाला में काशी तमिल संगमम के आयोजन के साथ-साथ केंद्र सरकार द्वारा जन कल्याण के लिये किये जा रहे कार्यों पर भी चर्चा हुई जिसमें बाल विवाह मुक्त भारत अभियान, बैंकों में जनता के अनक्लेमड एसेट्स के निस्तारण संबंधी प्रयास आदि शामिल है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि एवं उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि काशी तमिल संगमम का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर एवं दक्षिण भारत की सांस्कृतिक आदान-प्रदान की परंपरा को काशी तमिल संगमम के माध्यम से पुनर्जीवित करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा काशी के विकास के लिए ऐतिहासिक कार्य किए गए हैं और इसी का परिणाम है कि पिछले 4 वर्षों में काशी में लगभग 26 करोड़ श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों का आगमन हुआ, जो कि वाराणसी के सांस्कृतिक आकर्षण को दर्शाता है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं वाराणसी के मंडलायुक्त राजलिंगम ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि काशी तमिल संगमम का आयोजन उत्तर एवं दक्षिण भारत की संस्कृतियों के आदान-प्रदान तथा परंपरा को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ राष्ट्र की एकता और अखंडता को भी बल प्रदान करता है। मंडलायुक्त ने कहा कि यह काशी एवं रामेश्वरम का आकर्षण ही है कि उत्तर भारत के लोगों को दक्षिण भारत एवं दक्षिण भारत के लोगों को उत्तर भारत की यात्रा के लिये प्रोत्साहित करती है। मंडलायुक्त ने कहा कि उत्तर एवं दक्षिण भारत के बीच यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान सदियों पुराना है और काशी तमिल संगमम के माध्यम से यह एक नये रूप में दिख रहा है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. प्रभाकर सिंह ने कहा कि काशी तमिल संगमम के आयोजन से दोनों स्थानों के लोगों को एक दूसरे के महान विभूतियों, जिनका राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है, के बारे में जानने का अवसर प्रदान करता है तथा यह हमारी सांस्कृतिक एकता को बल प्रदान करता है। मीडिया कार्यशाला को संबोधित करते हुये काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष अरुण मिश्रा ने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है जिसके चलते इसकी जिम्मेदारियां भी एक सजग प्रहरी के रूप में है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है। अरुण मिश्रा ने कहा कि पत्रकारिता स्वतंत्र और निष्पक्ष होनी चाहिए तथा उसे सरकार एवं जनता के बीच की कड़ी के रूप में कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता की समस्या से प्रशासन को अवगत कराना तथा प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों से जनता को अवगत कराना पत्रकारिता का मूल उद्देश्य है। कार्यशाला को पत्र सूचना कार्यालय के निदेशक दिलीप कुमार शुक्ल द्वारा भी संबोधित किया गया। निदेशक द्वारा कार्यशाला में भाग लेने के लिये सभी अतिथियों एवं पत्रकार साथियों का आभार प्रकट किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय संचार ब्यूरो के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी जय सिंह ने कार्यक्रम की सफलता के लिए आए हुए सभी अतिथियों एवं मीडिया बंधुओं का धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ नरसिंह राम /07 दिसंबर2025