शिकायतकर्ता के साथ अन्य किसानों से भी क़ी चर्चा छिंदवाड़ा जबलपुर (ईएमएस)। शिकारपुर समिति में एनपी और सुपर फास्फेट की बोरियों में तय मात्रा से कम मिलने के मामले में सहकारिता विभाग और कृषि विभाग के अधिकारियों ने शिकारपुर समिति जाकर वहां पर किसानों से चर्चा की इस संबंध में शिकायत करने वाले किसान से भी अधिकारी मिले और पूरे विस्तार से उससे जानकारी ली। बता दें कि जबलपुर (ईएमएस)। ने ७ दिसम्बर को समिति से खरीदे डीएपी और सुपर फास्फेट के बोरे में तय मात्रा से कम निकला उर्वरक नामक शीर्षक के साथ खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। जिला प्रशासन के संज्ञान में मामला आने के बाद कलेक्टर हरेंद्र नारायन ने सहकारिता विभाग और कृषि विभाग के अधिकारियों को मामले की जांच के निर्देश दिए थे जिसके बाद रविवार को अधिकारियों की टीम ने समिति जाकर जांच की और किसान के बयान दर्ज किए। लगभग ४ घंटे तक मामले को लेकर जांच पड़ताल होती रही। ५ अधिकारियों की बनी जांच टीम कलेक्टर मे सहकारिता विभाग के डीआर जी एस देहरिया, सहायक संचालक कृषि धीरज ठाकुर, एसडीओ कृषि नीलकंठ पटवारी, कृषि विस्तार अधिकारी घोगरे और सहकारिता विभाग के एक अन्य अधिकारी की टीम बनाकर इस मामले मे जाँच के निर्देश दिए। टीम शिकारपुर पहुंची और शिकायतकर्ता किसान दंपत्ति से उर्वरक खरीदीं का बिल देखा । इस दौरान जाँच टीम ने सोसायटी से अब तक वितरित उर्वरकों की मात्रा और स्टॉक का मिलन किया जो सही पाया गया। अधिकारीयों ने समिति से पिछले कुछ दिनों मे उर्वरक खरीदने वाले एक दर्जन से अधिक किसानों से भी बातचीत की। हालांकि किसी भी अन्य किसानों से उर्वरक कम निकलने की शिकायत नहीं की। सिर्फ तीन बोरों में मिली लाल धागे से सिलाई शिकायतकर्ता किसान ने एनपीके की जिन तीन बोरियों मे कम मात्रा मे उर्वरक निकलने की शिकायत की, उन बोरियों को भी जांचकर्ता अधिकारियों ने देखा। तीनो बोरियां लाल धागे से सिली हुई मिली जबकि कृषकों के एनपीके के 73 बेग जो समिति गोदाम मे रखे थे हरे धागे से सिले हुए थे। अब सवाल ये उठ रहा है कि ऐसा कैसे हुआ इस मामले मे किसान समिति से बैग लेकर उसे जस का तस रखे रहने कि बात कह रहा है । इधर समिति प्रबंधक का कहना है कि समिति के गोदाम से बैग ले जाने के बाद उसे खोला गया है। 80 से ज्यादा किसानों ने खरीदा उर्वरक किसी को शिकायत नहीं जाँच करने गई टीम के अधिकारियों ने बताया कि समिति से 70,80 किसानों ने उर्वरक लिया किसी ने काम वजन कि बात नहीं क़ी। एक साथ आये बैगो मे सिर्फ 3 का टैग बदलना इसको लेकर उलझन क़ी स्थिति दिखी। ध्यान रहे इस समिति से अब तक 800 बेग उर्वरक किसान ले जा चुके है। जाँच टीम अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौपेगी। शिकारपुर मे रविवार को दिन भर इस मामले को लेकर गहमा-गहमी का माहौल बना रहा। तरह तरह क़ी चर्चा किसानों को उर्वरक देने के इस मामले में चर्चाओं का बाजार भी गर्म है। गांव के कुछ लोग समिति और किसान के बीच आपसी विवाद को इस तूल देने का मामला बता रहे हैं कुछ लोग इसके पीछे किसानों के सहारे इसे राजनितिक मुद्दा बनाने क़ी बात भी कर रहे है। ईएमएस / 07/12/2025