लखनऊ,(ईएमएस)। देश के सबसे बड़े सूबे उत्तरप्रदेश में एसआईआर की कवायद के साथ फिर घुसपैठियों को चिन्हित कर बाहर करने की कवायद तेज हो गई है। प्रयागराज नगर निगम में काम करने वाले कर्मचारियों के बाद अब लखनऊ में भी अवैध बांग्लादेशियों को चिन्हित कर बाहर किया जा रहा है। यूपी एटीएस ने प्रयागराज के बाद अब लखनऊ नगर निगम में भी कूड़ा प्रबंधन के काम में लगे शहर भर के मजदूरों का लखनऊ नगर निगम से ब्यौरा मांग लिया है। एटीएस ने कार्यदायी संस्था के ठेकेदारों से सफाई श्रमिकों की प्रमाणित सूची जिसमें निवास स्थान, पहचान प्रमाण पत्र और मोबाइल नंबर मांगा। मुख्यमंत्री योगी ने साफ कहा कि एसआईआर सर्वे गहनता से किया जाए घुसपैठियों को चिन्हित कर बाहर करे। डिटेंशन सेंटर बनाए जाने की कवायद भी शुरू हो गई है। इसके बाद इलाहाबाद, लखनऊ, कानपुर, मेरठ जैसे बड़े शहरों में नगर निगम के कचरा प्रबंधन और सफाई के काम में लगे सफाई कर्मियों का ब्यौरा अब यूपी एटीएस भी जुटा रही है। यूपी एटीएस बड़े शहरों में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी व रोहिंग्यायों की मौजूदगी की जांच कर रही है। यूपी एटीएस ने प्रयागराज के बाद अब लखनऊ नगर निगम से भी शहर के कचरा प्रबंधन व सफाई कार्य में जुटे मजदूरों का ब्यौरा मांगा है। यूपी एटीएस को इनपुट मिले हैं कि लखनऊ नगर निगम में भी शहर के कचरा प्रबंधन व सफाई के काम में अधिकतर बांग्लादेशी व रोहिंग्या लगे हुए हैं। नगर निगम या प्रशासन के अफ़सर जब किसी संदिग्ध से पूछताछ करते हैं, तब वह आधार कार्ड से खुद को असम का बताते हैं। इसतरह से किसी आतंकी संगठन के मददगार या संगठन के नेटवर्क से सीधा जुड़ा कोई शख्स भी छिपा हो सकता है लिहाजा यूपी एटीएस ने नगर निगम के सभी ठेकेदारों से उनके अधीन काम करने वाले कर्मचारियों का नाम पता मोबाइल नंबर सहित पूरी जानकारी मांगी है। आशीष दुबे / 09 दिसंबर 2025