रांची(ईएमएस)।झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन विपक्षी हंगामे की भेंट चढ़ गया। सुबह से ही परिसर में सरकार विरोधी नारों की गूंज सुनाई दी। मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के विधायक कानून-व्यवस्था और धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे को लेकर लगातार सरकार पर हमलावर नजर आए।नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर किसानों से वादाखिलाफी का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार चुनाव के दौरान धान का समर्थन मूल्य 3200 रुपये प्रति क्विंटल तय करने का वादा कर सत्ता में आई, लेकिन इस वर्ष कैबिनेट ने केवल 2450 रुपये का एमएसपी तय किया है, जो किसानों के साथ धोखा है। मरांडी ने आरोप लगाया कि सरकार घोषणाओं और वास्तविक फैसलों में अंतर कर रही है और इससे किसानों में नाराजगी बढ़ रही है।वहीं, विपक्ष के आक्रामक तेवरों के बीच सत्ता पक्ष भी सरकार का बचाव करने में लगा रहा। कांग्रेस विधायक और खिजरी सीट से प्रतिनिधि राजेश कच्छप ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार किसानों के हितों को लेकर पूरी तरह संवेदनशील है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि चुनावी घोषणा के अनुरूप धान खरीद से जुड़ी सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा किया जाएगा।राजेश कच्छप ने कहा, ‘किसान हमारे अन्नदाता हैं। एमएसपी से जुड़े जो वादे हमने किए हैं, उन्हें पूरा करने की दिशा में काम चल रहा है। अनुपूरक बजट में भी धान अधिप्राप्ति के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। विपक्ष जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन यह प्रयास सफल नहीं होगा।’इधर विपक्ष ने विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह हंगामा जारी रखा, जबकि सत्तारूढ़ दलों ने सरकार की उपलब्धियों और किसानों के लिए उठाए जा रहे कदमों को गिनाते हुए विपक्ष पर मुद्दों का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।तीसरे दिन की कार्यवाही में धान मूल्य समर्थन, कृषि से जुड़े प्रावधानों, और विधि-व्यवस्था पर गर्मागर्म बहस देखने को मिली। सत्र के आगे बढ़ने के साथ एमएसपी का मुद्दा और तेज होने की संभावना जताई जा रही है। कर्मवीर सिंह/09दिसंबर/25