ग्वालियर ( ईएमएस ) । प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एज्युकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के युवा प्रभाग द्वारा चलाए जा रहे परीक्षा मित्र कार्यक्रम के अंतर्गत शिवपुरी रोड स्थित किड्डीज कार्नर हायर सेकंडरी स्कूल में विद्यार्थियों के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राजयोग ध्यान प्रशिक्षक एवं मोटिवेशनल स्पीकर बीके प्रहलाद भाई उपस्थित थे। कार्यक्रम में लगभग 215 विद्यार्थी सहित विद्यालय के संचालक विजय गर्ग , अजीत कुमार, महेश जैन, श्रीमती मिथिलेश तोमर, श्रीमती रिचा सपरा, श्रीमती दीपमाला पांडे ,श्रीमती मुकेश कुमारी, श्रीमती दीप्ति मिश्रा ,श्रीमती सारिका शर्मा, श्रीमती मारथा मैरी, श्रीमती नेहा शुक्ला, श्री मनोज राठी, श्री प्रशांत शिंदे, श्री अजय शर्मा, श्री सुरेंद्र शर्मा, श्रीमती रेखा दांतरे, श्रीमती आभा माॅडिल, श्रीमती अनीता पांडे, श्री बिपेंद्र यादव, श्री राजवीर सिकरवार, श्रीमती नीरज लता, कुमारी दर्शन गुप्ता आदि उपस्थित थीं। कार्यक्रम में बीके प्रहलाद ने सभी विद्यार्थियों को जीवन में अनुशासन का महत्व बताते हुए कहा कि अनुशासन वह चाबी है जो हर सफलता का दरवाज़ा खोलती है। समय पर जागना, समय पर सोना, समय पर होमवर्क करना, साफ-सफाई रखना, बड़ों का सम्मान करते हुए उनकी बात मानना और परेशानी आने पर घबराना नहीं। यह सब अनुशासन का ही हिस्सा है। जीवन में जिसके अंदर अनुशासन होता है, वह विद्यार्थी धीरे-धीरे हर कार्य को बेहतर ढंग से करने लगता है। अनुशासन न केवल आपकी पढ़ाई में, बल्कि पूरे जीवन में सच्चा सहायक बन जाता है। उन्होंने आगे कहा कि एकाग्रता के लिए सकारात्मक सोच का और मेडिटेशन का बहुत महत्व है। जब आप मन लगाकर पढ़ते हैं, तो कम समय में भी आपको सब याद हो जाता है। अपनी किताब खोलते ही मन से कहें कि अभी सिर्फ मुझे पढ़ाई करनी है, बाँकि कार्य सब बाद में करेंगे, तो मन की ये छोटी-सी ट्रेनिंग आपको बहुत आगे ले जाएगी। मन मे अच्छे विचार लाना, खुद पर भरोसा रखना और हर परिस्थिति में मुस्कुराना। यह सकारात्मक सोच से संभव है। अगर आप सोचेंगे कि मैं नहीं कर सकता, तो आप सच में नहीं कर पाएंगे। लेकिन अगर आप विश्वास के साथ कहें मैं कर सकता हूँ, तो आपका दिमाग भी उसी दिशा में काम करने लगेगा। सकारात्मक सोच डर को हटाती है, आत्मविश्वास बढ़ाती है और हर मुश्किल को छोटा बना देती है। जो बच्चा हमेशा अच्छा सोचता है, उसके अंदर खुशी और ताकत दोनों आती हैं। इसीके साथ ही मेडिटेशन अर्थात ध्यान से आप अपने मन को आसानी से एकाग्र कर सकते है। कई लोग सोचते है कि मेडिटेशन सिर्फ बड़े लोग करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। बच्चे अगर रोज़ तीन से पाँच मिनट शांत बैठकर गहरी सांस लें, आँखें बंद करें, और अपने मन को शांत रखें, और अच्छे अच्छे विचार मन मे लेकर आएं जैसे मैं पढ़ाई में बहुत इंटेलिजेंट हो गया हूँ, में बहुत अच्छा बच्चा हूँ, मैं परमात्मा का बच्चा हूँ, मेरे नंबर क्लास में अच्छे आ रहे हैं। ऐसे विचार रोज करना तो आपके अंदर एक अलग ही शक्ति पैदा होती है। मन हल्का होगा और दिमाग तेज हो जाएगा। मेडिटेशन आपको अंदर से मजबूत बना देता है। सभी विद्यार्थियों को अपनी दिनचर्या भी व्यवस्थित रखनी चाहिए। अगर आपका दिन व्यवस्थित होगा, तो आपका मन भी व्यवस्थित रहेगा। सुबह सही समय पर उठना, नाश्ता समय पर करना, पढ़ाई समय पर करना, खेलना भी अपने समय पर करना और रात को समय पर सो जाना। यह सब मिलकर आपका पूरा दिन सुंदर बना देते हैं। आगे भाई जी ने कहा कि विद्यार्थियों को फोन कम चलाना और टीवी कम देखना चाहिए। इसमें हमारा समय तो खराब होता ही है इसके अलावा हमारी आँखें खराब होती है, फोन पर यदि ज्यादा समय जाता है तो उतना ही कम मन पढ़ाई में लगेगा। कोशिश करो कि फोन सिर्फ जरूरी चीज़ों के लिए ही इस्तेमाल करो और टीवी भी कम समय के लिए देखो। खाली समय में खेलना, किताब पढ़ना, कहानी सुनना, परिवार के साथ समय बिताना, चित्र बनाना। यह सब चीज़ें आपको ज्यादा खुश, ज्यादा बुद्धिमान और ज्यादा रचनात्मक बनाती हैं। अगर आप इन सारी बातों को अपनी जिंदगी में धीरे-धीरे शामिल कर लेंगे, तो आप न सिर्फ पढ़ाई में अच्छे होंगे, बल्कि एक अच्छे, शांत, खुश और सफल इंसान बन जाएंगे। एकाग्रता, अनुशासन, मेडिटेशन, अच्छी दिनचर्या और सकारात्मक सोच यह आपकी जिंदगी को चमका सकती हैं। याद रखना कि बड़ी सफलता हमेशा छोटी-छोटी अच्छी आदतों से शुरू होती है।