राज्य
21-May-2020


शराब ठेकेदारों पर सरकार का भरोसा, रामराज की यादें हुई ताजा भोपाल (ईएमएस)। शराब के ठेकेदार मध्य प्रदेश सरकार पर दबाव बनाकर बिना एग्रीमेंट और बिना गारंटी दिए ही शराब के ठेके चला रहे हैं। कलेक्टरों को भी पूरी जानकारी दिए बिना यह ठेके धड़ल्ले से चल रहे हैं। आबकारी आयुक्त ने भी लिखित में ऐसे कोई आदेश नहीं दिए कि बिना बैंक गारंटी और बिना लाइसेंस के ठेके की अनुमति दी जा रही है। उसके बाद भी नियमों का उल्लंघन कर अवैध तरीके से मध्यप्रदेश में शराब के ठेकेदार खुलेआम शराब बेच रहे हैं। ई टेंडर के माध्यम से इंदौर भोपाल जबलपुर छिंदवाड़ा बैतूल बालाघाट सागर राजगढ़ सतना रीवा शहडोल सिंगरौली ग्वालियर शिवपुरी के ई टेंडर हुए थे। 25 फरवरी 2020 को राजपत्र क्रमांक 77 के अनुसार 31 मार्च 2020 के पहले प्रतिभूति राशि जमा करने और अनुबंध करने के निर्देश शासन द्वारा राजपत्र में नियम प्रकाशित कराए थे। कंडिका 20 के अनुसार 18 पोस्ट डेटेड चेक अतिरिक्त प्रतिभूति के रूप में जमा करना अनिवार्य था। इसके बाद भी, बिना चेक जमा कराए तथा बिना बैंक गारंटी के शराब के ठेके अवैधानिक रूप से संचालित हो रहे हैं।। मध्यप्रदेश में पहली बार हो रहा है कि शराब के ठेके बिना किसी अनुबंध के चल रहे हैं। 25 फरवरी 2020 को राजपत्र में कंडिका 21 के अनुसार 500 रुपये के स्टांप पेपर पर लाइसेंस के लिए अनुबंध करना था। जो ठेकेदारों द्वारा नहीं किया गया है। इसी तरह कंडिका 15.11 के अनुसार भागीदारी फर्म होने की दशा में पार्टनरशिप डीड एवं रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी के पंजीयन की जानकारी ठेकेदारों को अनिवार्य रूप से अपलोड करना थी। जो अभी तक नहीं हुए हैं। कोरोना संक्रमण के कारण 25 मार्च से लॉकडाउन शुरु हो जाने से शराब दुकानें बंद थी। नई सरकार आने के बाद नई शराब दुकानों खोलने के आदेश शासन स्तर पर जारी हो रहे हैं।ठेकेदारों ने सरकार के ऊपर दबाव बनाकर ना तो चेक जमा किए। नाही बैंक गारंटी जमा की है। सरकार से ठेकेदारों का कोई अनुबंध भी नहीं है। इसके बाद भी मध्य प्रदेश में शराब के ठेके धड़ल्ले से शुरू हो गए हैं। शासन ठेकेदारों के दबाव में क्यों हैं। क्यों विधिवत आदेश जारी किए बिना ठेके संचालित किए जा रहे हैं। आबकारी आयुक्त और जिला कलेक्टरों के बीच में भी ठेकेदारों से किस तरह शुल्क प्राप्त किया जाना है। कैसे ठेकेदारों से हर 15 दिन में राशि जमा कराई जानी है। बिना अनुबंध और बिना लाइसेंस के कैसे शराब बिक रही है। ठेकेदारों ने पैसे जमा नहीं किए तो किसकी जिम्मेदारी होगी। ठेकेदारों और और शासन के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से मध्य प्रदेश में पहली बार बिना लाइसेंस और बिना सिक्योरिटी के मध्यप्रदेश में शराब बिकने का एक नया इतिहास बना है ऐसा लगता है सरकार को अपने से ज्यादा भरोसा शराब के ठेकेदारों पर है मध्यप्रदेश में सही मायने में राम राज आ गया है। एस.के. जैन/ 21 मई 2020