लेख
25-Jan-2023
...


भारत ने अपना स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार कर लिया है। इसका सफल परीक्षण भी मंगलवार को हो गया है। स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम भार-ओएस रखा गया है। आईआईटी मद्रास ने इस ऑपरेटिंग सिस्टम को तैयार किया है। भारत में करोड़ों मोबाइल फोन का उपयोग हो रहा है। अधिकांशतः फोन एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित हैं। इन सभी में एंड्रॉयड की दादागिरी है। यह जासूसी के उपकरण भी हैं। ब्रिटेन सहित दुनिया के देशों से इस तरह की बातें सामने आ रही हैं। भारत में पिछले 3 दशक में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा कारोबार बैंकिंग सहित अन्य सभी कार्य हो रहे हैं। भारत की सरकार विदेशी कंपनियों और उनकी तकनीकी को आधार बनाकर उन्हें भारत में बिना जांचे-परखे और बिना नियम के आने की अनुमति देती है। जिसके कारण इन कंपनियों का एकाधिकार सबसे ज्यादा भारत में बना हैं। अब जिस तरह की जानकारी सामने आ रही है। उसमें डिजिटल डिवाइस जासूसी के सबसे बड़े उपकरण माने जा रहे हैं। ब्रिटेन में इसका खुलासा हाल ही में हुआ है। आईआईटी मद्रास ने जो स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार किया है। वह एंड्रॉयड ओपन सोर्स प्रोजेक्ट के तहत भी काम करेगा। उपयोगकर्ता अपनी मर्जी के हिसाब से ऐप को सिस्टम में डाउनलोड कर सकेगा। इस ऐप के उपयोग करने से किसी अन्य ऐप एवं नियमों के लिए उसे मजबूर नहीं किया जाएगा। अभी जो भी मोबाइल फोन भारत में आ रहे हैं वह सब एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित है। फोन चालू करते हुए गूगल और कई अन्य ऐसे ऐप जो उपयोगकर्ता की जरूरत के नहीं है। वह भी उसमें इंस्टॉल होकर आते हैं। जिसके माध्यम से मोबाइल फोन के उपयोगकर्ता को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इसके माध्यम से जासूसी और व्यापार पर एकाधिकार कायम किया जा रहा हैं। उससे बचने का कोई उपाय उपयोगकर्ता के पास नहीं होता है। भारत ने जब स्वदेशी ऐप तैयार कर लिया है ऐसी स्थिति में भारत में जो भी मोबाइल फोन बिक्री के लिए उपलब्ध होते हैं। उन सभी में स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग अनिवार्य किया जाना चाहिए। सरकार को जल्द से जल्द इस संबंध में सोचना होगा। मोबाइल फोन के माध्यम से विदेशी कंपनियां भारतीय डेटा के माध्यम से भारी कमाई कर रही है। लोगों की निजता प्रभावित हो रही है। देश की सुरक्षा व्यवस्था खतरे में पड़ रही हैं। इस पर तुरंत रोक लगाने की जरुरत है। भारत सरकार एक सही दिशा और दशा की ओर बढ़ती हुई दिख रही है। भारत सरकार को अपने सॉफ्टवेयर इलेक्ट्रॉनिक एवं दूरसंचार के इंजीनियरों पर भरोसा करना चाहिए। स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम आज दुनिया की बहुत बड़ी जरूरत है। भारत सरकार यदि सही दिशा में काम करें तो इससे दुनिया भर के देशों को गूगल और यू-ट्यूब जैसी संस्थाओं की दादागिरी और एकाधिकार से बचाव करते हुए भारत दुनिया में एक नया आयाम डिजिटल तकनीकि के क्षेत्र में स्थापित कर सकता है। भारत सरकार ने कभी अपने लोगों पर विश्वास नहीं किया। यही भारतीय युवा विदेशों में जाकर विदेशी कंपनियों के लिए काम करते हैं। वर्तमान स्थिति में भारत सरकार को अपनी संस्थाओं और प्रोफेशनल्स को प्रोत्साहित करना चाहिए। भारत में युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिये आर्थिक मदद और उनकी खोज को प्रमाणित कर उन्हें आगे बढाने की दिशा में नीति नहीं है। भारत के राजनेताओं और नौकरशाहों को भारतीय युवाओं पर विश्वास करना सीखना होगा। डिजिटल तकनीकी में स्वदेशी को हर हालत में अनिवार्य करने और उसे सुरक्षित बनाए रखते हुए सभी देशों में उसका विस्तार करने की जरूरत है। सरकार को इस दिशा में बड़ी सोच के साथ काम करना होगा। इसमें भारत सरकार के लिए आत्मविश्वास और भरोसा करना जरूरी है। ईएमएस/25जनवरी2023