अंतर्राष्ट्रीय
17-Mar-2023
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2 साल पढ़ाई, लाखों रुपए फीस, 2 साल बाद वीजा निरस्त? नई दिल्ली (ईएमएस)। कनाडा गए भारतीय विद्यार्थियों को 2 साल पहले कनाडा की सरकार ने वीजा दिया था। 2 साल बाद कनाडा सरकार को पता लगा की वीजा लेने के लिए जो दस्तावेज लगे थे। उसमें ब्रिटेन की संस्थाओं के फर्जी ऑफर लेटर थे। इसके कारण उनके वीजा निरस्त कर अब 700 छात्रों को भारत वापस जाने का नोटिस दिया गया है। विद्यार्थियों ने 2 साल कनाडा में अपनी पढ़ाई का डिप्लोमा कोर्स पूरा किया। उन्हें सरकार की ओर से वर्क परमिट भी मिल गया। कनाडा के स्थाई निवासी का दर्जा पाने के लिए जब उन्होंने आप्रवासन विभाग में आवेदन किया।उसके बाद दस्तावेजों की गड़बड़ी सामने आई। 2018-19 में पंजाब से 700 विद्यार्थी डिप्लोमा करने के लिए कनाडा पहुंचे थे। बृजेश मिश्रा नामक एक ठग ने ब्रिटेन की शिक्षण संस्थाओं के फर्जी दस्तावेज बनाकर इनका वीजा हासिल किया था। मिश्रा ने हर विद्यार्थी से 16-16 लाख रुपए लिए थे। कनाडा के प्रीमियर इंस्टिट्यूट हंबर कॉलेज की एडमिशन फीस इसमें शामिल थी।एयर टिकट और सिक्योरिटी डिपॉजिट इत्यादि भी लिया था। इनका वहां पर प्रवेश हुआ और डिप्लोमा भी किया। 2 साल बाद अब 700 छात्र वापिस भारत भेजे जा रहे हैं।इस पूरे मामले में भारत सरकार और भारतीय दूतावास की चुप्पी 700 छात्रों के भविष्य को लेकर निराश कर रही है। 2 साल पहले इस बात का खुलासा हो जाता, कि दस्तावेज फर्जी थे। तो इन बच्चों का 2 साल बर्बाद नहीं होता।फर्जीवाड़े का खुलासा भी उसी समय हो जाता। इस सारी गड़बड़ी में कनाडा सरकार के अधिकारियों की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने समय रहते सही तरीके से छानबीन की होती, तो छात्रों को इतनी परेशानी नहीं होती। -सरकार और कोर्ट से सहायता दिलाए भारत सरकार भारत सरकार को चाहिए कि वह कनाडा की सरकार से इस संबंध में बात करे। राजनीतिक स्तर पर चर्चा कर छात्रों को राहत दिलाने का काम करे। जरूरत पड़ने पर भारत सरकार को कोर्ट में भी 700 छात्रों की मदद के लिए आगे आना चाहिए।