अंतर्राष्ट्रीय
24-Apr-2023
...


50 हजार से अधिक कुपोषित बच्चों पर संकट सूडान (ईएमएस)। सूडान में संघर्षविराम लागू हो गया था। लेक‍िन उसके लागू होने के कुछ घंटों बाद फ‍िर से संघर्ष शुरू हुआ। इस गृह युद्ध में अब तक मारे जाने वालों की संख्‍या 413 हो गई है। वहीं 3,551 लोग लड़ाई में घायल हुए हैं। इन सभी मौतों के आंकड़ों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दावा क‍िया है। रिपोर्ट के मुताब‍िक संघर्ष में कम से कम 9 बच्चों के मारे जाने और 50 से अधिक के घायल होने की सूचना मिली है। संयुक्त राष्ट्र की बच्चों की एजेंसी ने कहा कि बच्चे बड़ी कीमत चुका रहे हैं। इस संघर्ष में अब तक कम से कम 9 बच्‍चों की मौत हो चुकी है और करीब 50 से अधिक बुरी तरह से घायल हुए हैं। डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस का कहना है क‍ि लड़ाई देश की सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच चल रही झड़पों का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल से 11 सत्यापित हमले हुए हैं ज‍िनमें 10 स्वास्थ्य सुविधाएं भी शाम‍िल हैं। हैरिस ने कहा क‍ि सूडान के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है क‍ि 20 स्वास्थ्य सुविधाओं ने काम करना बंद कर द‍िया है। स्‍वास्‍थ्‍य संगठन प्रवक्‍ता का कहना है क‍ि इसका मतलब यह है क‍ि वे सभी लोग जिनका जरूरत पड़ने पर इलाज क‍िया जा रहा था या फ‍िर इस संघर्ष में गंभीर रूप से घायल हो गये थे, या ज‍िनका पहले यहां इलाज चल रहा था, सभी पर बड़ा असर पड़ा है। यूनिसेफ के प्रवक्ता जेम्स एल्डर का कहना है क‍ि लड़ाई ने पहले से ही कुपोषण से पीड़ित सूडानी बच्चों के जीवन को खतरे में डाल दिया है। उन्‍होंने कहा क‍ि सूडान पहले से ही दुनिया में बच्चों के बीच कुपोषण की उच्चतम दरों में से एक है। और अब अनुमानित 50 हजार गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के लिए महत्वपूर्ण जीवन रक्षक देखभाल बाधित हो गई है। यूनिसेफ के पास स्कूलों और देखभाल केंद्रों में आश्रय लेने वाले बच्चों की भी रिपोर्ट है। उनके आसपास जबर्दस्‍त लड़ाई चल रही है और बच्‍चों को अस्पतालों को खाली करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसकी बड़ी वजह यह मानी जा रही है क‍ि गोलीबारी उनके करीब हो रही है। इसकारण उन्हें खाली करवाया जा रहा है जोक‍ि बेहद ही जोख‍िम भरा है। एल्डर ने कहा कि सूडान में तीन-चौथाई बच्चों के अत्यधिक गरीबी में रहने का अनुमान है। हिंसा के बढ़ने से पहले तक देश में बच्चों के लिए मानवीय जरूरतें बहुत ज्यादा थीं।