राज्य
27-Apr-2023
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- राहुल के भीतरघात करने वाले आरोप पर पार्टी ने की थी कार्रवाई भोपाल (ईएमएस)। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया की गुरुवार को भाजपा में वापसी हुई। भोपाल स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में सीएम शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता दिलाई। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि स्वीकार करने के लिए पार्टी का आभार। हम जहां थे वहीं हैं। उन्होंने भाजपा में वापसी के लिए सिर्फ आभार जताया। आगामी विधानसभा चुनाव में चुनाव लडऩे के सवाल पर कहा कि पार्टी सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जो जिम्मेदारी दी जाएगी उसे निभाएंगे। पार्टी जनसेवा का काम कर रही है। सिद्धार्थ मलैया को जून 2022 में पार्टी से निष्कासित किया गया था। यह निष्कासन भी छह साल के लिए किया गया था। दरअसल, वर्ष 2021 में दमोह में हुए उपचुनाव में भाजपा से चुनावी मैदान में उतरे राहुल सिंह को हार का सामना करना पड़ा था। हार को लेकर बयानी जंग शुरू हुई। राहुल ने हार का जिम्मेदार जयंत मलैया परिवार को ठहराया था। संगठन में भी सिद्धार्थ मलैया और उनके समर्थकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। भाजपा ने सिद्धार्थ समेत पांच मंडल अध्यक्षों को छह साल के लिए निष्कासित किया। जुलाई 2022 को सिद्धार्थ ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया। साथ ही दमोह नगरीय निकाय चुनाव में हर वार्ड में निर्दलीय उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया। राहुल सिंह जब चुनाव हार गए तो उन्होंने कहा कि मलैया परिवार के भीतरघात के कारण वे चुनाव हारे हैं। इसके बाद भाजपा संगठन ने जयंत मलैया को एक नोटिस दिया और उनसे जवाब मांगा। साथ ही जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया और दमोह के पांच नगर मंडल अध्यक्षों को पार्टी से बाहर कर दिया। उन नगर मंडल अध्यक्षों में मनीष तिवारी, अजय सिंह लोधी, अभिलाष हजारी, देवेंद्र राजपूत और संतोष रोहित का नाम शामिल हैं। मंत्री पुत्र दिखा चुके अपनी ताकत पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव में जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं। दोनों ही जगह भाजपा का प्रत्याशी अध्यक्ष बन सकता था, लेकिन सिद्धार्थ मलैया ने टीएसएम नाम की एक अघोषित पार्टी खड़ी करके भाजपा को नुकसान पहुंचाया था। जिस वजह से दमोह नगरपालिका अध्यक्ष कांग्रेस का बन गया था। वहीं, जिला पंचायत अध्यक्ष की गद्दी भी कांग्रेस खाते में चली गई थी। इसके बाद पार्टी से उनकी दूरियां लगातार बढ़ती जा रही थी। बुंदेलखंड में आने वाले दमोह में पार्टी की मजबूती के लिए यह कदम उठाया गया है। दमोह में मलैया परिवार की पैठ मानी जाती है। 2021 उपचुनाव में दमोह विधानसभा से राहुल लोधी 17 हजार 063 वोटों से हारे थे। जबकि राहुल लोधी कांग्रेस से भाजपा में आए थे। कांग्रेस के प्रत्याशी अजय टंडन ने लोधी को हराया था। कभी भाजपा की गढ़ माने जाने वाली दमोह में पार्टी की मजबूती के लिए सिद्धार्थ मलैया की वापसी कराई गई है। विनोद / 27 अप्रैल 23