अंतर्राष्ट्रीय
29-Apr-2023
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उच्च शिक्षित पीढ़ी के बीच चीन में हर पांचवां युवा बेरोजगार बीजिंग (ईएमएस)। चीन में बेरोजगारी का आलम यह है कि हजारों युवा नौकरी की आस में मंदिरों के चक्कर काट रहे हैं। मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार चीन में मंदिरों के चारों ओर सैकड़ों मीटर लंबी कतारें युवाओं से पटी पड़ी हैं। धीरे-धीरे कोरोना वायरस महामारी से सामान्य हो रहे चीनी दिनचर्या में कई युवा निराशा में घिरे हुए हैं। 22 वर्षीय वांग शियाओनिंग ने मीडिया से बातचीत में नौकरी खोजने का दबाव और आवास की लागत को पहुंच से बाहर बताते हुए कहा कि वह मंदिरों में कुछ शांति पाने की उम्मीद में आते हैं। उच्च शिक्षित पीढ़ी के बीच चीन में हर पांचवां युवा बेरोजगार है। मीडिया के अनुसार वांग रिकॉर्ड 11.58 मिलियन विश्वविद्यालय स्नातकों में से एक हैं, जो पिछले साल के कड़े जीरो कोविड लॉकडाउन नियम के साथ-साथ प्रौद्योगिकी और शिक्षा क्षेत्रों में आई मंदी के दौर में नौकरी की आस लगा रहे हैं। इस साल चीन में मंदिरों में आने वाले लोगों की तादाद में खासी वृद्धि देखी गई। यात्रा बुकिंग प्लेटफॉर्म के अनुसार 2022 की तुलना में इस वर्ष अब तक मंदिर के दर्शनार्थी 310 प्रतिशत अधिक हैं। मंदिर में आए 19 वर्षीय चेन ने बताया कि वह राजधानी बीजिंग में मौजूद प्रतिष्ठित लामा मंदिर में अपने करियर की संभावनाओं के लिए प्रार्थना कर रही थीं। चेन ने कहा कि उन पर नौकरी पाने का दबाव काफी अधिक है। उच्च शिक्षित पीढ़ी के बीच चीन में हर पांचवां युवा बेरोजगार है। उनकी संभावनाओं में सुधार अधिकारियों के लिए एक प्रमुख सिरदर्द है, जो चाहते हैं कि अर्थव्यवस्था 2023 में 12 मिलियन नए रोजगार सृजित करे, जो पिछले वर्ष के 11 मिलियन से अधिक है। हालांकि, कोरोना ने उनकी मुश्किलों को काफी बढ़ा दिया है। एक चीनी शोधकर्ता झांग किदी ने मीडिया को बताया कि बाजार में विश्वविद्यालय के स्नातकों की एक गंभीर ओवरसप्लाई है, जो संकट खड़ा कर रही है। दिसंबर में काविड-19 से प्रतिबंध हटाए जाने के बाद से अर्थव्यवस्था ठीक हो रही है, लेकिन हायरिंग का नेतृत्व महामारी से पीड़ित खानपान और यात्रा उद्योगों द्वारा किया जा रहा है, जो कम कुशल भूमिकाओं के लिए खराब वेतन की पेशकश करते हैं। दिलीप/ईएमएस 29 अप्रैल 2023