राज्य
30-Apr-2023
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- मप्र में सर्वे रिपार्ट ने बढ़ाई बीजेपी आलाकमान की चिंता भोपाल (ईएमएस)। मध्य प्रदेश बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव में 200 पार का नारा लेकर आगे बढ़ रही है। इसके साथ ही 51 फीसदी वोट शेयर को लेकर बूथ विजय संकल्प अभियान भी चला रही है, लेकिन, इन सब के बीच पार्टी द्वारा कराए गए सर्वे में कुछ विधायकों की छवि अपने इलाके में ठीक न होने की रिपोर्ट आई है, इससे बीजेपी आलाकमान चिंतित नजर आ रहा है। हालांकि, चुनाव में अभी कुछ समय है, ऐसे में पार्टी अब इन विधायकों की छवि को सुधारने की दिशा में काम कर रही है। आमतौर पर कोई भी राजनीतिक दल चुनाव में टिकट देने के पहले कई दौर का सर्वे कराता है, ताकि सही प्रत्याशी का चयन हो सके। इसी के चलते बीजेपी भी कई दौर का सर्वे कराने में जुटी हुई है। हाल ही में जो सर्वे रिपोर्ट ग्राउंड से मिली है, उसके अनुसार कई विधायकों की छवि जनता और स्थानीय कार्यकर्ताओं के बीच में ठीक नहीं है। इसका पता तब चला, जब कुछ कार्यकर्ताओं ने वरिष्ठ नेतृत्व को शिकायत की थी कि स्थानीय विधायक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम नहीं करते हैं। यही कारण है कि पिछले दिनों सीएम हाउस में हुई विधायक दल की बैठक में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी विधायकों को कार्यकर्ताओं के साथ सामंजस्य के साथ काम करने और इलाके में अपनी छवि सुधारने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही अब संगठन के लोगों को भी ऐसे विधायकों के इलाके में उनकी छवि सुधारने की दिशा में काम करने के निर्देश दिए गए हैं। बीजेपी के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि पार्टी समय-समय पर अलग-अलग बातों को लेकर सर्वे कराती रहती है। हालांकि, अग्रवाल विधायकों की छवि खराब होने की बात को सिरे से खारिज कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि बीजेपी ने हमेशा आम जनता के लिए अच्छे ही काम किए हैं। इसी के बल पर परिणाम भी चुनाव में अच्छे ही आएंगे। साथ ही उनका कहना है कि बीजेपी में व्यक्ति नहीं होता है, बल्कि संगठन चुनाव लड़ता है। कमल का फूल ही उनका प्रत्याशी और चुनाव चिन्ह होता है। BJP विधायक ही नहीं, सभी नेताओं की छवि हुई उजागर: केके मिश्रा वहीं, बीजेपी के दावों पर कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने पलटवार किया है। उनका कहना है कि बीजेपी विधायक ही नहीं, बल्कि सभी नेताओं की छवि जनता के सामने उजागर हो चुकी है। ऐसे में जनता उन पर आगामी चुनाव में भरोसा नहीं करेगी। जहां तक बात संगठन द्वारा इन नेताओं की छवि को पॉलिश करने की है तो वह कितनी भी कोशिश कर लें, चुनाव भी आ जाएगा और लोग इनकी छवि चमकाते रह जाएंगे।