राष्ट्रीय
06-Jun-2023
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नई दिल्ली (ईएमएस)। देश में ड्रग्स का काला कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। तस्कर अलग-अलग रूट और माध्यम से विदेश से ड्रग्स की खेप भारत में मंगा रहे हैं। इस धंधे में दुनिया के विभिन्न शहरों की चेन बनी हुई जो हर लेवल पर सक्रिय है। इसके बाद देश में जांच में तमाम अड़चनें और जांच में सहायक आधुनिक उपकरणों की कमी तस्करों के लिए वरदान साबित हो रही है। विदेश से देश में आने वाले ड्रग्स का कारोबार इंटरनेट और कोरियर पर टिका है। तस्कर डार्क वेब पर आर्डर और पैसे लेते हैं इसके बाद कोरियर के द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में भेजते हैं। कोरियर को दो तरीके से भेजा जाता है। पहला हवाई माध्यम और दूसरा जलमार्ग से। हवाई माध्यम से कम मात्रा में ड्रग्स की तस्करी की जाती है। इसे विभिन्न प्रकार के सामानों में छिपाया जाता है और पार्सल का रूप देकर कोरियर द्वारा भेज दिया जाता है। ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिसमें डोप पैडलर ड्रग्स का कैप्सूल निगलकर यात्रा करते हैं। मंजिल पर पहुंचने के बाद शौच या आपरेशन के माध्यम से बाहर निकालते हैं। जलमार्ग से भेजी जाने वाली ड्रग्स की खेप बड़ी होती है। इसे पैकेट बनाकर कंटेनरों में रखा जाता है चूंकि बंदरगाहों पर हजारों की संख्या में कंटेनर होते हैं।