राष्ट्रीय
08-Jun-2023
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- लोगों के शवों को लेकर भ्रम की स्थिति नई दिल्ली (ईएमएस)। बाहानगा रेल हादसे में मारे गए लोगों के शवों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। बीएमसी आयुक्त विजय अमृता कुलंगे ने कहा कि परिवार के असली सदस्यों की पहचान करने के लिए डीएनए परीक्षण के लिए 33 रक्त के नमूने भेजे गए हैं। चूंकि ओडिशा में कोई डीएनए परीक्षण प्रणाली नहीं है, इसकारण इन नमूनों को एम्स भुवनेश्वर की देखरेख में एम्स दिल्ली भेजा गया है। इतना ही नहीं हमने एक दिन के भीतर रिपोर्ट भेजने का अनुरोध किया है। एम्स भुवनेश्वर में बंगाल के जयनगर के परवेज सहरद लास्का ने खुद को अबूबोका लास्का का बेटा बताया। उनके मुताबिक, ट्रेन हादसे में अपने पिता की मौत की जानकारी मिलने के बाद शव लेने पहुंचे हैं। पिता की मौत की तस्वीरें हैं, लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि शव को कोई और ले गया है। अब एम्स ने डीएनए टेस्ट के लिए उनके खून के नमूने एकत्र किए हैं। बताया जाता है कि रिपोर्ट आने के बाद उनके पिता की पहचान होगी। इस तरह मालदा के नितम और चंदन राय की तलाश में उनके रिश्तेदार फोनी मंडल जुटे हैं। हादसे के बाद उन्होंने बालासोर, सोरो सहित कई इलाकों का दौरा किया। वहां से पता चला है कि नितम और चंदन की पहले ही मौत हो चुकी है। बालासोर प्रशासन की ओर से नितम के शव का फोटो फोनी को दिया गया, लेकिन उस पर कोई संख्या नहीं थी इसकारण न तो ओडिशा और न ही पश्चिम बंगाल सरकार का हेल्पडेस्क उनके साथ सहयोग कर रहा है। उन्हें मुआवजे के पैसे की जरूरत नहीं है, बस शव की जानकारी चाहिए। पश्चिम बंगाल के 24 परगना के अब्दुल वहाब शेख पांच दिनों से अपने भाई गियाउद्दीन शेख की तलाश कर रहे हैं, लेकिन वह भी निराश हैं इसलिए बंगाल हेल्पडेस्क की सलाह पर अब्दुल ने कहा कि उन्होंने डीएनए टेस्ट के लिए अपना ब्लड सैंपल दिया है। इनके साथ ही एम्स परिसर में कई इसतरह लोग हैं, जिन्‍हें अपने परिजनों का कोई अता-पता नहीं चल पा रहा है। उनका कहना है कि उनके परिजनों के शवों को कोई और ले गया है। कई लोग बालासोर से अपने प्रियजनों के शवों की तस्वीरें लेकर आए हैं। फोटो के टैग नंबर को भी एम्स हेल्प डेस्क की तरफ से देखा जा रहा है।