लेख
01-Mar-2024
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लोकसभा चुनाव के महासंग्राम की तैयारी शुरू हो गई है। इस बार दोनों सेनायें आमने-सामने खड़ी हैं। इस बार एनडीए और इंडिया गठबंधन में सीधा मुकाबला होने जा रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपने तरकश में कई ऐसे घातक तीर तैयार करके रखे हैं। यदि यह दुश्मन की सेना को लगेंगे, तो उनका बचना मुश्किल होगा। भाजपा ने जो तीर तैयार किए हैं, वह सीधे दिल में जाकर या मस्तिष्क में जाकर लगते हैं। जिसको यह तीर लगते हैं उसका बच पाना बड़ा मुश्किल होता है। भारतीय जनता पार्टी ने अपने तरकस में धारा 370 की समाप्ति, तीन तलाक, नारी शक्ति वंदन, अधिनियम नागरिकता संशोधन अधिनियम, राम मंदिर, मोदी की गारंटी, एक विधान एक निशान, महिलाओं को 33 फ़ीसदी आरक्षण, अब सीएए, जन कल्याणकारी योजनाओं में 80 करोड लोगों को मुफ्त अनाज, किसानों को 6000 रूपये वार्षिक की सहायता, 300 यूनिट फ्री बिजली जैसे कई तीर हैं। जो मतदाताओं को भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में खड़े करते हैं। जब यही तीर भारतीय जनता पार्टी सामने खड़े योद्धाओं पर यह तीर छोड़ती है, तो योद्धाओं का बच पाना बड़ा मुश्किल होता है। 2024 की लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के पास ईडी, सीबीआई और न्यायपालिका के रूप में भी ऐसे कई ब्रह्मास्त्र हैं। जिनसे बड़े-बड़े योद्धाओं को नेस्त-नाबूत किया जा सकता है। भारतीय जनता पार्टी के चुनावी तरकश में जो तीर हैं। उसके कारण ही उसे विश्वास है कि इस बार वह 370 लोकसभा की सीट जीतेगी। एनडीए गठबंधन 400 से अधिक सीटों पर जीतेगा। मई माह तक राज्यसभा में भी एनडीए का बहुमत होगा। उसके बाद भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने में कोई बाधा नहीं रह जाएगी। भारतीय जनता पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए साम दाम दंड भेद के रास्ते पर चलते हुए अपने विपक्षियों को पराजित करने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके विपरीत विपक्षी इंडिया गठबंधन के राजनीतिक दल, भारतीय जनता पार्टी की साम दाम दंड भेद की नीति का मुकाबला ही नहीं कर पा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी अपने विपक्षियों को आपस में लडाने तथा विपक्षी राजनीतिक दलों के अंदर फूट डालने की रणनीति पर काम कर रही है। नेताओं की कमजोरी को जानकर उसकी महत्वाकांक्षा जगाकर विपक्षी खेमे में किस तरीके की फूट डालना है, यह भारतीय जनता पार्टी से अच्छा कोई नहीं जानता है। हाल ही में हिमाचल की सरकार गिरते गिरते बची है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह जिन्होंने कुछ समय पहले ही भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली है। उन्हें हिमाचल के राज परिवार से मिलकर कांग्रेस में सेंध लगाने और विद्रोह करने के लिए उकसाया गया। दोनों ही राज परिवारों के बीच में रिश्तेदारी है। उस रिश्तेदारी का फायदा उठाकर कांग्रेस खेमे में भाजपा ने भगदड़ मचा दी। लोकसभा चुनाव के पहले इंडिया गठबंधन के राजनीतिक दलों में भगदड़ मची हुई है। चुनाव के पहले ही विपक्षी गठबंधन अपनी सेना को एकजुट रखने के लिये हैरान और परेशान होकर घूम रहा है। सीबीआई, ईडी, भी विपक्षी गठबंधन के नेताओं को निशाने पर ले रही हैं। विपक्षी गठबंधन इससे बच पाएगा? यदि बच भी गया, तो थका-हारा विपक्षी गठबंधन कितना मुकाबला भाजपा का कर पाएगा, यह आसानी से समझा जा सकता है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए यही कहा जा सकता है, भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला कर पाना वर्तमान स्थिति में वैसे तो इंडिया गठबंधन के लिये संभव नहीं है। जिस तरह की महंगाई: बेरोजगारी तथा सरकार के प्रति लोगों की नाराजी मतदाताओं के बीच देखने को मिलने लगी है। उसके बाद यह कहने में भी संकोच नहीं होता है, कि 2024 का लोकसभा चुनाव कहीं इंडिया साइनिंग की तरह परिणाम देने वाला साबित ना हो जाये। कुछ दिनों पहिले तक लग रहा था, इंडिया गठबंधन टूट गया है। लेकिन सीटों का बंटवारा हो जाने के बाद इंडिया गठबंधन काफी मजबूत हो गया है। इंडिया गंठबंधन भी भाजपा की रणनीति समझकर उसका मुकाबला किस तरह करना है, यह समझ गय है। इस स्थिति को देखते हुए यही कहा जा सकता है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस में लिखा है। होई वही, जो राम रचि राखा। यह चुनाव भगवान राम के नाम पर लड़ा जा रहा है। भगवान राम जो चाहेंगे वही परिणाम देखने को मिलेंगे। ईएमएस/ 01 मार्च 24