राज्य
28-Mar-2024


- सीयूटी से प्रवेश के बाद बीपीईएस की सीटें भी बढक़र 60 से 90 की जाएंगी। भोपाल (ईएमएस)। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (रादुवि) जबलपुर नए शिक्षण सत्र में जुलाई से बैचलर आफ फिजिकल एजुकेशन और स्पोटर्स (बीपीईएस) पाठ्यक्रम में अब देशभर के विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे। रादुवि के स्नातक स्तर के तीन वर्षीय इस पाठ्यक्रम में अब तक विवि से संबद्ध जिलों के विद्यार्थी के लिए ही था और अब 60 की जगह सीटें बढ़ाकर 90 की जा रही हैं। अभी भोपाल और इंदौर में पढ़ाया जा रहा है अभी बीपीईएस पाठ्यक्रम बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (भोपाल) और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (इंदौर) में पढ़ाया जा रहा है। नए पाठ्यक्रम को लेकर रादुवि में सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई है। अगले माह से कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट (सीयूटी) के माध्यम से विद्यार्थी बीपीईएस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेंगे। रादुवि कुलगुरु प्रो राजेश वर्मा ने प्रवेश समिति की बैठक ली, जिसमें प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया। साथ ही अन्य वैकल्पिक वस्थाओं पर विचार हुआ। 12वीं पास विद्यार्थी ऐसे पा सकेंगे प्रवेश बीपीईएस तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम होगा और इसके लिए 12वीं पास विद्यार्थी पात्र होंगे। देशभर के विद्यार्थी कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट (सीयूटी) के माध्यम से बीपीईएस में प्रवेश पा सकेंगे। सीयूटी एक कॉमन प्लेटफार्म है, विभिन्न पाठ्यक्रम चलाने वाले देशभर के सभी विवि इसी का एक भाग हैं। इसके लिए प्रवेश प्रक्रिया एक अप्रैल से आरंभ होने जा रही है और टेस्ट की प्रक्रिया पूरी कर कक्षाएं एक जुलाई से रादुवि के शारीरिक शिक्षण विभाग के अंतर्गत लगेगी। बीपीईएस में नया क्या रादुवि का शारीरिक शिक्षण विभाग बीपीईएस पाठ्यक्रम काफी पहले से संचालित कर रहा है, जिसमें अभी तक विवि से संबद्ध जबलपुर सहित पांच जिलों नरसिंहपुर, मंडला, कटनी व डिंडौरी के विद्यार्थी इस स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में भाग लेने के पात्र होते थे। लेकिन अब सीयूटी के माध्यम से देशभर के विद्यार्थियों के लिए रादुवि ने इस पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने अपने दरवाजे खोल दिए हैं। रादुवि शारीरिक शिक्षण विभाग वर्तमान में बीपीएड (100 सीट) और एमपीएड (25 सीट) पाठ्यक्रम भी संचालित कर रहा है। एमपीएड के लिए बीपीएएड होना अनिवार्य है और दोनों ही स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम हैं। देश में चुनिंदा विवि ही बीपीईएस संचालित है रादुवि बीपीईएस में देशभर के विद्यार्थियों के प्रवेश का रास्ता सुगम बनाने वर्तमान में 60 सीट की संख्या को बढ़ाकर 90 करने जा रहा है और यह इसी सत्र से लागू हो जाएगा। वर्तमान में बीपीईएस पाठ्यक्रम मप्र के दो विवि सहित देशभर के चुनिंदा विश्वविद्यालयों में संचालित हो रहा है। विनोद / 28 मार्च 24