लेख
18-Apr-2024
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जैसा की मालूम होगा हिंदी कैलेंडर के अनुसार, चैत्र मास की प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है। इस बार हिंदू नववर्ष 09 अप्रैल 2024 से शुरू हुआ, जो विक्रम संवत 2081 के नाम से भी जाना जाता है। इसका वैदिक मान्यता यह है कि स्वर्णिम देह भगवान ब्रह्मा जी ने आज ही सृष्टि रचना प्रारंभ की थी। जब ओंकार वाच्य परब्रह्म को विश्व रचने का संकल्प हुआ तो सबसे पहले हिरण्यमय ब्रह्मा का रूप धारण किया, इसीलिए कहा है, स वे शरीरी प्रथम। सबसे बड़ी शक्ति तो परब्रह्म या ब्रह्म ही है जिसका शाब्दिक अर्थ है जिससे बड़ा कोई न हो।यही कारण है ब्रह्म का साकार रूप ब्रह्मा है। वृद्ध रूप में वे हो ब्रह्मांड रूप परिवार के मुखिया अर्थात पितामह अर्थात इतने आदरणीय है कि पिता के भी पिता है। ब्रह्माजी ने ही सूर्य, चंद्र, पृथ्वी का सृजन कर उसे धारण किया है अतः उन्हें धाता कहा गया है। चाहे श्रमिक हो या चक्रवर्ती सम्राट ब्रह्मा जी के विधान से नहीं बच सकता। कहा भी है विधाता का विधान कोई टाल नहीं सकता। भविष्य पुराण अनुसार ब्रह्माजी के विधान को न तो भगवान विष्णु टाल सकते न परमेश्वर शिव ही।विश्व की रचना का कर्म करने कारण नहीं ही विश्वकर्मा कहा गया है। ऋग्वेद के एक श्लोक अनुसार अजन्मा प्रजापति ब्रह्मा बारंबार शिशु के रूप में जन्म ले रहे हैं, इस प्रकार सारे मनुष्यों को ब्रह्मा दर्शाया गया है। यही कारण है कि स्कंद पुराण में स्वयं साक्षात शिव, जगदम्बा पार्वती से कहते हैं, ब्रह्मा के समान न तो देव, न गुरु और न ज्ञान है। विभिन्न धर्म ग्रंथों भविष्य पुराण, अग्नि पुराण आदि के अनुसार आज ब्रह्माजी की पूजा अर्चना का दिवस है। स्वर्णिम देह ब्रह्मा जी पूरे भारत को स्वर्णिम वैभव से पूरित है संवत्सर पर्व, नव वर्ष सभी के कल्याणकारी होता है यदि हम भगवान श्री राम के महत्व क़ो जानते हैं तो क्योंकि रामनवमी भी इसी नवरात्र के अंत में आता है और कहा गया है अंत भला तो सब भला। ब्रह्म पुराण के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था। इस दिन देश के विभिन्न राज्यों में गुड़ी पड़वा, उगादी और चैत्र नवरात्रि जैसे महापर्व भी मनाए जाते हैं। इस नए संवत्सर 2081 की शुरुआत मंगलवार से हो गई इसलिए मंगल ग्रह ही इस वर्ष का राजा हैं । जबकि शनि देव इसके मंत्री होते हैं ।हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2081 9अप्रैल से शुरू हुआ । हर साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष आरंभ होता है। ब्रह्म पुराण के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था। पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमते हुए सूर्य का एक चक्कर लगाने के बाद जब दूसरा चक्र शुरू करती है तब हिंदू नववर्ष आता है। इस दिन देश के विभिन्न राज्यों में गुड़ी पड़वा, उगादी और चैत्र नवरात्रि जैसे महापर्व भी मनाए जाते हैं। यह हिंदू नववर्ष अधिक खास है भारतीय के लिए, हम गुलामी की जंजीर में ऐसे जकड़े की अपना समय क़ो भी अपने अनुसार नहीं ढाल पाएं और इसलिए लोगों की वैदिक अवधारण नस्ट हो रही है क़ोई राजनेता वो भी हेलीकाप्टर से मछली खाता है और सबों क़ो नास्तिक बनाता है कभी बिहार में नीतीश कुमार ने ऐसा नहीं किया जो शर्मनाक मकसद से बनाया गया जाति में बांटो औए वोट मजबूत करो लेकिन आप ऐ याद रखें जो अपनी आँखो से नहीं तो टीवी में देखा होगा आपको कभी हेलीकाप्टर पर बिठाया मोदी करेंगे कुछ वक़्त और मिलेगा तो नवभारत का निर्माण होगा और वैदिक विज्ञान से भारत क़ो नई दिशा मिलेगी जो कहते हैं राम मंदिर उनका यानि बीजेपी वालों का हैं तो क्या हम बाबारी मस्जिद क़ो लाएंगे यदि किसी ने भगवान राम क़ो जन्मभूमि मान कर पूजन कर लिया तो क्या गलत है इसमें यानि यदि गलती से आप आयेंगे तो राम का नाम लेने पर बैन लगा देंगे साध्वी प्रज्ञा क़ो जेल में फ़ालतू डालकर आपने जो किया वही आपको दिशाहिन बना रहा है यदि उछलना नहीं है तो शांत मन एक बार अपनी गलती क़ो समझने की कोशिश करें और सुधार करें यदि इसी तरह उछलते रहें तो लोकतंत्र में जनता आपको उछाल देगी।हर दिन और समय एक ही होता है वो पृथ्वी के घूमने से भगवान श्री राम में ही ऐसी ताकत हैं की उसे बदल भी सकते हैं और किसी में नहीं तभी तो हनुमानजी ने समय से आगे निकलकर भगवान लक्ष्मण के लिए लंका से हिमालय की दुरी कुछ ही घंटो में पूर्ण कर ली और स्वामी विवेकानंद ने तो राम क़ो ईश्वर के समकक्ष माना है ऐ भी आप जानते होंगे की स्वामी विवकानंद ऐसा ज्ञानी पुरुष क़ोई नहीं हुआ जिन्होंने शिकागो में भारत का मस्तिष्क ऊँचा किया आप उनकी विरासत क़ो मिट्टी में मिला रहे हो केवल नौकरी देना चुनाव का उद्घोष है तो गलत है संस्कार सबसे बड़ी चीज होती है और यही कारण है मंत्री जेल जा रहें हैं। ईएमएस / 18 अप्रैल 24