अंतर्राष्ट्रीय
18-Apr-2024
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- ड्रेगन की नापाक करतूत का रिपोर्ट से हुआ खुलासा जेनेवा,(ईएमएस) । चीन वैसे तो भारत और उसके आसपास के देशों की सीमाओं में दखल देता रहा है और अपने नापाक इरादों अंजाम देने की बराबर साजिश करता है। अब चीन की एक ओर नापाक करतूत सामने आई है। चीन ने कई बार संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों को रिश्वत की देने की कोशिश की है जिससे वह संयुक्त राष्ट्र पर कब्जा कर सकें लेकिन हर बार की तरह इस बार भी उसकी इस हरकत का पर्दाफाश हो गया। भारत पर कब्जा करने की नीयत रखने वाले चीन की नापाक करतूत का संयुक्त राष्ट्र के व्हिसिलब्लोहर ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने चीन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन संयुक्त राष्ट्र पर कब्जा करना चाहता है, ताकि हर काम में उसकी तूती बोल सके। चीन चाहता है कि उसका संयुक्त राष्ट्र (यूएन) पर कब्जा हो जाए और फिर वह उसे अपने हिसाब से चला सके। रिपोर्ट में दावा है कि चीन ने कई बार संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश की। चीन के इस प्रोपोगेंडा का पर्दाफाश संयुक्त राष्ट्र व्हिसिलब्लोहर की सदस्य और मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय की पूर्व कर्मचारी एम्मा रीली ने किया है। व्हिसिलब्लोहर ने कुछ सबूत भी पेश किए हैं। रीली ने रिपोर्ट में दावा किया कि चीन ने महामारी के बाद डब्ल्यूएचओ और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनपी) की रिपोर्ट में भी छेड़छाड़ करवाई। उइगर मुसलमानों के साथ दुर्व्यवहार को लेकर भी चीन ने पेश रिपोर्ट पर दबाव बनाया है। ऐसा दावा है कि यूएन के कुछ कर्मचारी ने चीन को उन मानवाधिकार कर्मचारियों के नाम बता है जिन्होंने रिपोर्ट बनाई थी, ताकि चीन उन अधिकारियों का पता लगा कर उनके संपर्क कर सके और रिश्वत देने की पेशकस कर सकें। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने कई बार यूएन में गंभीर मुद्दों पर चर्चा रोकने वोटों को भी प्रभावित किया और 2 बार महासभा के अध्यक्षों को रिश्वत भी देने की कोशिश की। व्हिसिलब्लोहर ने सबूत पेश कर आरोप लगाया कि चीन संयुक्त राष्ट्र महासभा में कानून के शासन, लोकतंत्र और मानवाधिकारों को हटा देना चाहता है। रीली ने मंगलवार को एक लेख प्रकाशित किया था, जिसमें ये सभी गंभीर आरोप चीन पर लगाए हैं। सिराज/ईएमएस 18 अप्रैल 2024