राज्य
19-Apr-2024


नई दिल्ली (ईएमएस)। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आलू-पूरी खाने के आरोप झूठे हैं, उन्होंने केवल एक बार नवरात्रि का प्रसाद खाया। उन्होंने कहा कि क्या कैदी को स्वास्थ्य का कोई अधिकार नहीं है? सिंघवी ने कहा कि हमारे यहां 75 साल से लोकतंत्र है लेकिन मैंने इस तरह की संकीर्णता कभी नहीं सुनी, और न ही देखी। कथित शराब घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की डाइट और इंसुलिन की मांग की याचिका पर राऊज एवेन्यू में जोरदार बहस हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों से अरविंद केजरीवाल के डाइट चार्ट के साथ ही जवाब मांगा है। राउज ऐवन्यू कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा। कोर्ट अब 22 अप्रैल को फैसला सुनाएगी। वहीं सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आलू पूड़ी के आरोप झूठे हैं, 48 बार के खाने में से उन्होंने केवल एक बार नवरात्रि का प्रसाद खाया, जिसमें पूरी-आलू था। उन्होंने बताया- घर से भेजे गए 48 बार के भोजन में सिर्फ 3 बार आम भेजे गए हैं। सिंघवी ने कहा कि 8 अप्रैल के बाद कोई आम नहीं भेजा गया। आमों को चीनी की गोलियों जैसा बना दिया गया है। अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट के सामने मुख्यमंत्री के शुगर लेवल की निगरानी करने वाले चार्ट को भी कोर्ट के सामने रखा। उन्होंने कहा कि उनके डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन देखें। सिंघवी ने कहा कि मैंने अपने अनुभव में कभी आम खाने की शिकायत नहीं देखी। अभिषेक मनु सिंघवी ने अरविंद केजरीवाल की याचिका पढ़ते हुए कहा कि इस मामले में जेल अधिकारियों ने ईडी के साथ मिलकर मीडिया ट्रायल करने की कोशिश की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि आवेदक का शुगर लेवल उसके खान-पान के कारण बढ़ रहा है। सिंघवी ने कहा उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने चाय में चीनी डाली थी। जबकि उन्होंने अपनी चाय में शुगर फ्री का इस्तेमाल किया। क्योंकि वो डायबिटीज के रोगी हैं। उन्होंने कहा कि ईडी कितना तुच्छ, राजनीतिक और हास्यास्पद हो सकती है।राऊज एवेन्यू को्र्ट में अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मैं अदालत से जेल अधीक्षक को यह निर्देश देने की मांग कर रहा हूं कि वह पर्याप्त इलाज उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि क्या वह गैंगस्टर है? क्या वह कोई खूंखार अपराधी है? कि उन्हें रोजाना 15 मिनट अपने डॉक्टर के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नहीं मिल पाती। उन्होंने कहा कि क्या कैदी को स्वास्थ्य का कोई अधिकार नहीं है? सिंघवी ने कहा कि हमारे यहां 75 साल से लोकतंत्र है लेकिन मैंने इस तरह की संकीर्णता कभी नहीं सुनी, और न ही देखी। अजीत झा/ देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/19/अप्रैल/2024