व्यापार
27-Apr-2024
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- तापमान का सामान्य से अधिक रहना सब्जी उत्पादकों, उपभोक्ताओं के लिए बढ़ा रहा चुनौतियां नई ‎दिल्ली (ईएमएस)। महंगाई कम करने और बढ़ाने में सहायक सब्जियों की ऊंची कीमतों से जून तक राहत मिलने के आसार नहीं है। इसकी वजह है तापमान का सामान्य से अधिक रहना, जो सब्जी उत्पादकों और उपभोक्ताओं के लिए चुनौतियां बढ़ा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक मौसम के अनियमित पैटर्न और पर्यावरण संबंधी अन्य कारक सब्जियों की कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं। इनकी जल्द खराब होने की प्रवृत्ति भी बफर स्टॉक बनाने और आयात जैसे विभिन्न उपायों के जरिये कीमतों को नीचे लाने के प्रयास को सीमित कर रही हैं। इसके अलावा देश में कोल्ड स्टोरेज जैसी पर्याप्त बुनियादी ढांचा सुविधाएं नहीं होने से कीमतों को स्थिर करने के प्रयास और जटिल होते जा रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023-24 में खाद्य महंगाई बढ़ाने में सब्जियों का करीब 30 फीसदी योगदान था। यह उनकी 15.5 फीसदी की सामान्य हिस्सेदारी से ज्यादा है। भारत जलवायु दृष्टि से सर्वाधिक प्रभावित होने वाला देश है। लू, बाढ़ और तूफान जैसे मौमसी कारकों से सब्जियों के उत्पादन एवं कीमतों के मोर्चे पर जोखिम बढ़ रहा है। बढ़ता तापमान कीटों की समस्या को बढ़ा रहा है। इससे सब्जी उत्पादन व कीमतें प्रभावित हो रही हैं। ‎रिपोर्ट ने कहा है ‎कि 2023-24 के दौरान देश में सब्जियों की कीमतें उच्च स्तर पर पहुंच गईं। टमाटर व प्याज की कीमतों ने उपभोक्ताओं का बजट बिगाड़ दिया। लहसुन, अदरक, बैंगन, परवल और बींस समेत अन्य सब्जियों के दाम में भी तेज बढ़ोतरी देखने को मिली थी। उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक खुदरा बाजार में टमाटर, प्याज और आलू की कीमतें एक साल में 42 फीसदी तक बढ़ गई हैं। टमाटर की कीमत 26 अप्रैल, 2024 को 33.55 रुपये प्रति किलोग्राम रही। यह 26 अप्रैल, 2023 के 23.59 रुपये प्रति किलोग्राम की तुलना में 42.22 फीसदी अधिक है। प्याज के दाम 22.35 रुपये से 40.67 फीसदी बढ़कर 31.44 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गए। आलू की कीमत भी 20.04 रुपये से 38.37 फीसदी बढ़कर 27.73 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गई।