28-Apr-2024
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न्यूयार्क(ईएमएस)। अमेरिका की शिक्षण संस्थाओं में फलस्तीनियों के समर्थन वाला आंदोलन फैलता जा रहा है। कई विश्वविद्यालयों और कालेजों में आंदोलन को बलपूर्वक कुचलने और सैकड़ों छात्र-छात्राओं की गिरफ्तारी के बाद अब संस्थाओं का प्रशासन छात्रों से बातचीत की राह पर है। गाजा में इजरायल के हमलों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे विश्वविद्यालय छात्रों के साथ में अब उनके शिक्षक भी आ रहे हैं। कई विश्वविद्यालयों और कालेजों में शिक्षकों ने परिसर में पुलिस बुलाने के लिए संस्थान के प्रशासन की निंदा की है। कोलंबिया विश्वविद्यालय में धरना दे रहे छात्रों से वार्ता की शुरुआत हो चुकी है। अभी तक धरने को खत्म करने की चेतावनी दे रहे विश्वविद्यालय प्रशासन ने शुक्रवार रात विद्यार्थियों को ईमेल भेजकर कहा कि परिसर से पुलिस को वापस भेजने के कदम उठाए जा रहे हैं। इससे विश्वविद्यालय का वातावरण बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। प्रशासन ने कहा कि दो दिन पहले विश्वविद्यालय में यह आंदोलन बाहरी और पेशेवर लोगों ने शुरू करवाया। इस दौरान आंदोलन में यहूदी विरोधी नारेबाजी की गई और उन्हें मारने का आह्वान किया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक्स पर पोस्ट संदेश में कहा है कि परिसर में इस तरह की भावनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। आंदोलनकारी छात्रों, उन्हें समर्थन दे रहे शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों ने कैलिफोर्निया, जार्जिया और टेक्सास में संस्थाओं के प्रशासन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की चेतावनी दी है। आगे कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बलपूर्वक दबाने के लिए प्रशासन ने पुलिस की सहायता ली, जो गलत है। इस बीच कैलिफोर्निया स्टेट पालीटेक्निक यूनिवर्सिटी में बेरिके¨डग कर धरना दे रहे छात्रों को सोमवार तक पढ़ाई बाधित करने वाला अपना आंदोलन खत्म करने के चेतावनी दी गई है। इसके बाद पुलिस उन्हें हटाने के लिए कार्रवाई करेगी। कोलोराडो में भी पुलिस ने डेनवर आरेरिया कैंपस में घुसकर आंदोलनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है और 40 फलस्तीन समर्थकों को गिरफ्तार किया है। न्यूयार्क की कई संस्थाओं ने आंदोलन को शांत करने के लिए वार्ता प्रक्रिया अपनाने का निर्णय लिया गया है। गाजा में मृतकों की संख्या बढ़ने के साथ ही अमेरिका में इजरायल की मदद रोकने और उसके साथ सहयोग समझौता तोड़ने की मांगें तेज हो गई हैं। शनिवार को बोस्टन के नार्थ ईस्टर्न विश्वविद्यालय में पुलिस ने परिसर में चल रहे धरने और आंदोलन को खत्म करवाने के लिए कार्रवाई की। वीरेन्द्र विश्वकर्मा/ईएमएस 28 अप्रैल 2024