राज्य
29-Apr-2024
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अभा कांग्रेस के प्रवक्ता मप्र के मीडिया प्रभारी चरणसिंह सपरा पत्रकार वार्ता में बोले - ध्रुवीकरण मोदी जी का ब्रह्मास्त्र भोपाल (ईएमएस)। दो चरणों के चुनाव के बाद नजर आ रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी बौखला गए हैं। वे झूठ, आधारहीन और दोगली बातें कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के न्याय पत्र से इतने परेशान है कि उसे रोज बेलगाम होकर कोस रहे हैं। कांग्रेस का न्याय पत्र 05 न्याय 25 गारंटी की पुष्टि करता है। जरूरतमंद और गरीबों की सहायता करने की योजना बताता है। बीजेपी, शाह और तानाशाह उसे सांप्रदायिक रंग देना चाहते हैं। विकास से ध्यान हटाकर मटन, मछली, माओवादी सौच और घुसपैठियों की चर्चा करना चाहते हैं। मुसलमान मुस्लिम लीग विरासत कर यह हमारे घोषणा पत्र का हिस्सा नहीं है लेकिन फिर भी प्रधानमंत्री इसी पर चुनावी नॉरेटिव रखना चाहते हैं ध्रुवीकरण ही उनका ब्रह्मास्त्र है। दो चरणों के चुनाव में जिस तरह से वोटिंग परसेंटेज कम हुआ है, वह दर्शाता है कि लोगों में भाजपा के प्रति निराशा है। मध्य प्रदेश में महिलाओं की वोटिंग परसेंटेज 11 से 12 प्रतिशत घाटी है । यह दिखाता है की लाडली बहन भी समझ गई है कि उन्हें छला गया है 3000 रूपये का कहकर 1250 रूपये ही दिए जा रहे हैं। हो सकता है कि यह योजना चुनाव के बाद पूरी तरह बंद हो जाएगी। मध्य प्रदेश का किसान नाराज है कि उसके साथ विश्वासघात हुआ है, 2700 रुपए गेहूं और 3000 रूपये धान का वादा करके भाजपा सरकार पीछे हट गई है। युवा, बेरोजगार, मजदूर, किसान और महिलाएं परेशान हैं। निजीकरण को बढ़ावा देश की नवरत्न कंपनी, सेल, बेल, जेल, रेल, एयरपोर्ट पोर्ट को अपने पूंजीपति मित्रों को ओने पौने दाम पर बेच रही है। निजीकरण सरकारी तंत्र का मुख्य हिस्सा बन रहा है। इसलिए 30 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं और बड़ी मात्रा में आरक्षण के पद खाली है। यह बीजेपी सरकार का इनडायरेक्ट हमला है। आरक्षण पर आरएसएस और बीजेपी का एजेंडा है, आरक्षण को समाप्त करने, दलित, आदिवासियों और पिछड़ी जाति को और कमजोर करने का षड्यंत्र है। देश की जनता को ध्रुवीकरण, हिंदू मुस्लिम की अफीम चटाकर यह 400 पार करना चाहते हैं। अगर इन्हें 400 सीट आ जाएगी तो हिटलर राज आ जाएगा। आरक्षण और संविधान बदल जाएगा। यह खुद बीजेपी के केंद्रीय मंत्री अनंत हेगडे, लोकसभा के उम्मीदवार लल्लू सिंह ज्योति मिर्धा अरुण गोविल कह चुके है। नरेंद्र मोदी आरक्षण विरोधी आरएसएस के सर संचालक ने डैमेज कंट्रोल कर कहां की वह आरक्षण विरोधी नहीं है, लेकिन मोहन भागवत जी ने ही 2015 में अपने मुख्यपत्र पांच जन्य ऑर्गेनाइजर में लिखा था कि आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए, पुनर्विचार होना चाहिए, 2017 में प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने खुलेआम आरक्षण का विरोध किया, गुरु गोवलकर ने भी अपनी किताब विचारधन में विरोध जताया था। यह बीजेपी आरएसएस की सोची समझी साजिश है। हिडन एजेंडा है, इसलिए यह लगातार कांग्रेस की घोषणा पत्र पर हमला कर रहे हैं। क्योंकि हमारे पांच न्याय में से एक भागीदारी न्याय है, एक बार जातिगत जनगणना हो जाएगी तो आरक्षण भी उसी हिसाब से होगा। इसीलिए अगर आरक्षण और संविधान को बचाना है तो बीजेपी आरएसएस को हराना है। इलेक्टोरल बाण्ड ने बीजेपी का बैंड बजा दिया है। आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला भ्रष्टाचार का नंगा नाच 8500 करोड रुपए का इलेक्टोरल बाण्ड बीजेपी को मिला, उसके सामने मोदी सरकार ने चार लाख करोड़ का सरकारी कॉन्ट्रैक्ट पूंजीपतियां मित्रों को दिये। तीन स्कैम चंदा दो धंधा लो, ठेका लो चंदा दो बसूली करो। सुप्रीम कोर्ट ने यह संवैधानिक अनैतिक कहा, लेकिन पीएम फिर भी उसे सही ठहराते है।