राष्ट्रीय
30-Apr-2024
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लालू ने 6 महिला शक्ति को मैदान में उतारा नई दिल्ली (ईएमएस)। महिला सशक्तीकरण की मिसाल से भरी माता जानकी की भूमि मिथिला में महिलाओं को लोकतंत्र में वह हिस्सेदारी नहीं मिल सकी, जो संविधान ने उन्हें दी है। बिहार में अबतक 17 बार लोकसभा चुनाव हुए और महज 34 महिला ही सदन पहुंचने में सफल हुई है। विधायिका में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की पुरजोर वकालत करने वाले राजनीतिक दलों ने भी महिलाओं की इस बार कोई सुध नहीं ली और टिकट बंटवारे के समय चुप्पी साध ली। भरपूर सम्मान एवं बराबरी की हिस्सेदारी का दावा करने वाले राजनीतिक दल इस चुनाव में भी आधी आबादी से किए अपने वादे भूल गए। बिहार में अबतक हुए लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक चार बार जीतने वाली रमा देवी को भाजपा ने इस बार के चुनाव में शिवहर से बेटिकट किया है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सीटों में तालमेल के तहत शिवहर सीट जदयू को मिली है। जदयू ने शिवहर सीट से पूर्व सांसद लवली आनंद को उतारा है।महिला आरक्षण बिल या नारी शक्ति वंदन विधेयक पास कराने वाले एनडीए ने इस बार के लोकसभा चुनाव में महिला शक्ति को नजर अंदाज किया है। भाजपा ने बिहार में एक भी महिला उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है। राजग के घटक दल जदयू ने दो महिला सीवान से विजया लक्ष्मी देवी और शिवहर से लवली आनंद को टिकट दिया है। वहीं लोजपा-रामविलास ने वैशाली से वीणा देवी और समस्तीपुर से शांभवी चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने किसी महिला को प्रत्याशी नहीं बनाया है। कुल मिलाकर राजग ने चुनाव में 40 सीट में से चार सीट पर महिलाओं को टिकट दिया है। जबकि इंडिया गठबंधन ने छह महिला शक्ति पर भरोसा जताया है। राजद ने बिहार में आधी आबादी को टिकट देने के मामले में इस बार सभी दलों से बाजी मार ली है। गैया बकरी चरती जाए, मुनिया बेटी पढ़ती जाए। नारा देने वाले राजद सुप्रीमो लालू ने सर्वाधिक छह महिलाओं को मैदान में उतारा है। इसमें राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की दो पुत्री मीसा भारती और रोहिनी आचार्य, बीमा भारती, रितु जायसवाल, अनिता देवी और अर्चना रविदास शामिल है। इसमें मीसा भारती को छोड़ अन्य पांच महिला शक्ति पहली बार लोकसभा के रण मे अपनी तकदीर आजमा रही हैं। इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने किसी महिला शक्ति को मौका नहीं दिया है। इंडिया गठबंधन में शामिल वामदल ने भी किसी महिला को चुनाव में नहीं जगह दी है। वामदल में शामिल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा),मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) से कोई महिला चुनावी मैदान में नही हैं। इंडिया गठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने भी इस चुनाव में महिला शक्ति की उपेक्षा की और किसी महिला को मौका नहीं दिया। फिलहाल लोकसभा में बिहार की तीन महिला सांसद हैं, जो महज 7.5 फीसद भागीदारी हैं। यदि महिला आरक्षण लागू हुआ तो बिहार से कम से कम 13 महिला लोकसभा पहुंचेंगी। आशीष/ईएमएस 30 अप्रैल 2024