लेख
01-May-2024
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हर साल 1 मई को महाराष्ट्र दिवस मनाया जाता है। यह महाराष्ट्र के गठन का स्मरणोत्सव है। 1 मई 1960 के दिन मराठी लोगों के लिए एक अलग राज्य की मांग को स्वीकार करते हुए भारत सरकार ने महाराष्ट्र राज्य का गठन किया। इस प्रकार से महाराष्ट्र भारतीय गणराज्य का 16वां राज्य बना। इस दिन पूरे महाराष्ट्र में प्राइवेट और सरकारी स्कूलों, कॉलेजों एवं दफ्तरों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। पूरे राज्य में ध्वजारोहण, सांस्कृतिक कार्यक्रम, परेड एवं अन्य उत्सव संबंधी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह दिवस 1960 में महाराष्ट्र राज्य के गठन का स्मरण दिवस है। यह महाराष्ट्र के लोगों के द्वारा उनके राज्य को लेकर चलाएगा गए उनके लंबे संघर्षों के सुखद परिणाम का उत्सव है। महाराष्ट्र भारत के पश्चिमी तट पर स्थित एक सुन्दर राज्य है। क्षेत्रफल के हिसाब से यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। जनसंख्या के नज़रिये से यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। महाराष्ट्र का इतिहास समृद्ध और विविधतापूर्ण रहा है। यहाँ कई शक्तिशाली साम्राज्यों का उदय और पतन हो चुका है। महाराष्ट्र पर शासन करने वाले प्रमुख राजवंशों में सातवाहन, चालुक्य, राष्ट्रकूट यादव और मराठा साम्राज्य शामिल हैं।महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी भी है। यह विश्व के सबसे प्रमुख नगरों में से एक है। बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री भी यहीं स्थित है। भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई महाराष्ट्र में होने के कारण महाराष्ट्र भारत का एक प्रमुख औद्योगिक राज्य भी है और यह भारत की जीडीपी में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इसके अलावा महाराष्ट्र का एक अन्य महानगर पुणे भी भारत का एक प्रमुख आईटी नगर है।मराठों की वीरता का अपना एक गौरवशाली इतिहास रहा है। मराठा राजवंश में कई प्रतापी शासक हुए हैं। इन शासकों में छत्रपति शिवाजी महाराज, बाजीराव पेशवा प्रथम, अहिल्याबाई होल्कर एवं रानी लक्ष्मीबाई विशेषरूप से आते हैं। मराठा अत्यंत साहसी और दृढ संकल्प वाले थे। वे युद्ध के मैदान में कभी हार नहीं मानते थे। महान छत्रपति शिवजी महाराज गुरिल्ला युद्ध में माहिर थे। वे अपनी युद्ध कला से शत्रु को चौंका देते थे। मराठी एकता की मिसाल थे। वे हमेशा एकजुट रहते थे और अपनी मातृभूमि के लिए बलिदान देने को सदा तत्पर रहते थे। महाराष्ट्र का गठन एक ऐतिहासिक घटना थी, जिसने भारत के नक़्शे को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। मराठी लोग अपनी भाषा और सांस्कृतिक पहचान के आधार पर अपने लिए एक अलग राज्य की मांग कर रहे थे। महाराष्ट्र के गठन ने महाराष्ट्र के लोगों की सांस्कृतिक विरासत, भाषा और पहचान को एक गर्व और मजबूती की अनुभूति कराई है। महाराष्ट्र दिवस महाराष्ट्र के लोगों के लिए गौरव और उत्सव का पल है। महाराष्ट्र दिवस महाराष्ट्र के लोगों को महाराष्ट्र का विकास करने के लिए योगदान देने वाले महान लोगों को याद करने का अवसर प्रदान करता है। यह दिन है ऐसे महान लोगों से प्रेरणा प्राप्त करने का और समाज और प्रदेश के लिए भविष्य में महान कार्य करने के लिए स्वयं को तैयार करने का। महाराष्ट्र दिवस के दिन को बहुत से समाज सेवी संगठन सामाजिक कार्य करने के एक अवसर के रूप में भी देखते हैं। इस अवसर पर कई सरकारी और गैर सरकारी संगठन इस दिन रक्त दान कैम्प और एजुकेशनल कैम्प आदि चलाकर इस दिन को एक सामाजिक कल्याण के रूप में मानते हैं। महाराष्ट्र दिवस मराठी भाषा और महारष्ट्र की संस्कृति एवं गौरवशाली इतिहास का उत्सव है। महाराष्ट्र के सभी लोगों को इस दिन को उत्साह के साथ मनाना चाहिए और देश एवं प्रदेश के विकास के लिए एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए महाराष्ट्र दिवस का महत्व महाराष्ट्र की संस्कृति, विविधता से भरे इसके गौरवपूर्ण इतिहास और मराठी भाषा का उत्सव मनाने का दिवस है। यह दिन मराठी लोगों को राज्य की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। महारष्ट्र दिवस महाराष्ट्र के लोगों को एक अवसर प्रदान करता है, अपनी समृद्ध विरासत और भाषा का उत्सव मनाने का। यह दिन जश्न मनाने का और महाराष्ट्र के लोगों के द्वारा अपने प्रदेश के प्रति प्रतिबद्धता को व्यक्त करने का है। .../ 1 मई 2024