राज्य
02-May-2024


- जमीन का कुछ हिस्सा बचाने के नाम पर कर रहे किनारा भोपाल (ईएमएस)। भूगर्भीय जल का स्तर लगातार नीचे गिरते जा रहा है। कटते पेड़, बढती गर्मी और अतिक्रमणकारियों के कारण नदी, नालों, तालाबों और जलाशयों में जल धारण क्षमता क्षेत्र में कमी आई है। भूगर्भीय जल स्तर में बढ़ोतरी के लिए वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली को लागू करने सरकार ने नीति बनाई है, परंतु उसका परिपालन नहीं हो रहा है। नक्शे स्वीकृति के लिए आवेदन के साथ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए निर्धारित शुल्क जमा करवाया जाता है। निजी व बिल्डर उक्त राशि जमा कर देते हैं, परंतु वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाते हैं। वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के नियम को प्रभावी रूप से लागू नहीं किया तो वह दिन दूर नहीं जब महाराष्ट्र तथा कर्नाटक की तहत जिले के लोगों को भी भीषण जल संकट की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि प्रदेश में भूर्भीय जल स्तर नीचे गिरता जा रहा हे। कई जिले में लोगों को पानी के लिए कई किलोमीटर तक दूर जाना पड़ता है। प्रदेश के कई जिले ऐसे हैं, जो सूखाग्रस्त घोषित किए गए हैं। जल संकट से निजात पाने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम प्रणाली का उपयोग किया जाना आवश्यक है। नगर निगम क्षेत्र सहित सभी नगरीय निकाय में घर बनाने की अनुमति के साथ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को पालन करना आवश्यक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के तहत लोग भवन की अनुज्ञा प्राप्त करने के लिए दी जाने वाली फीस के साथ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए रकम जमा कराते हैं और फिर वाटर हार्वेस्टिंग बन जाने की सूचना नगर निगम में देते हैं। नक्शा स्वीकृति आवेदन के साथ निर्धारित नगर निगम में जमा करवा दी जाती है। निजी व्यक्ति व बिल्डर घर तो बनवा लेते हैं पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाना जरूरी नहीं समझते हैं। नगर निगम भी ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता है। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ 20 प्रतिशत लोग ही घरों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाते हैं। जमीन बेचते हैं महंगी प्राप्त जानकारी के अनुसार बिल्डर सरकारी दर की बजाय उच्च दमों को बनाए गए मकानों को बैचते हैं। बिल्डर द्वारा सरकारी दर पर रजिस्ट्री करवाकर सरकार को चूना लगाया जाता है। रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की राशि ग्राहकों से लेते हैं, बताते नहीं हैं। वाटर हार्वेस्टिंग जमीन में जमीन का कुछ हिस्सा बर्बाद नहीं जाये इसके लिए ग्राहक भी बिल्डरों पर जोर नहीं देते हैं। सिर्फ 20 प्रतिशत लोग लगा रहे सिस्टम नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि नक्शा स्वीकृति के दौरान रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए निर्धारित शुल्क जमा करवाया जाता है। नक्शा स्वीकृति के जितने आवेदन आते हैं उसमें से सिर्फ 20 प्रतिशत लोग ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम घरों में लगाते हैं। निर्धारित शुल्क जमा करने के बावजूद 80 प्रतिशत लोग सिस्टम नहीं लगाते हैं। विनोद / 02 मई 24