राज्य
04-May-2024


- क्योंकि वे अपने आदर्शों, विश्वासों और प्रतिबद्धताओं के प्रति सच्चे रहते हैं - समर्पण, बलिदान और अथक प्रयासों से लोगों का जीवन बचाते है - योग गुरु महेश अग्रवाल भोपाल(ईएमएस)। आदर्श योग आध्यात्मिक केन्द्र कोलार रोड़ भोपाल के योग गुरु महेश अग्रवाल ने बताया कि प्रति वर्ष 4 मई को अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस के रुप में मनाया जाता है। यह दिन उन साहसी पुरुषों और महिलाओं को सम्मानित करने का दिन है जो दूसरों को बचाने के लिए रोजाना अपनी जान जोखिम में डालते हैं। यह दिन उन लोगों की सराहना करने का अवसर है जो निस्वार्थता और बहादुरी के साथ अपने समुदायों की सेवा करते हैं, दूसरों की रक्षा के लिए खुद को नुकसान पहुंचाते हैं। अग्निशामक बहादुरी, लचीलेपन और निस्वार्थता का उदाहरण देते हैं, जलती इमारतों में भागते हैं और जंगल की आग से लड़ते हैं। हर साल 4 मई को यह दिन हमें सुरक्षित रखने में उनके समर्पण, बलिदान और उनके अथक प्रयासों को मान्यता देता है। अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस मनाने के विभिन्न तरीके हैं। एक तरीका वर्तमान और पूर्व अग्निशामकों के प्रति उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त करना है। दूसरा तरीका है नीले और लाल रिबन पहनना और प्रदर्शित करना। ये रिबन उन रंगों से जुड़े हुए हैं जो मुख्य तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनके साथ अग्निशामक काम करते हैं - आग के लिए लाल और पानी के लिए नीला। अग्नि-शमन या अग्नि-निर्वापण मानव जीवन को संकट में डालने वाली और सम्पत्ति और पर्यावरण को विनाशकारी अवांछित अग्नि को बुझाने या नियन्त्रण का कार्य है। योग गुरु अग्रवाल ने नागरिकों को अग्नि दुर्घटना के बचाव व सुरक्षा संबंधी सुझाव बताये - किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा से बचना काफी हद तक तैयार रहने पर निर्भर करता है। यदि आप जानते हैं कि अपने घर और परिवार की सुरक्षा कैसे करनी है, प्रारंभिक चेतावनियों को कैसे समझना है, और सलाह दिए जाने पर घर को कैसे खाली करना है, तो आप अधिकांश आपदा स्थितियों के लिए तैयार रहेंगे। एक बार आपदा समाप्त हो जाने के बाद, कुछ समय तक जीवन सामान्य नहीं हो सकता है, इसलिए आपको यह भी जानना होगा कि बिजली कटौती, आपके घर को नुकसान और पानी की कमी सहित परिणामों से कैसे निपटना है। यदि घर से निकाला जाता है, तो मदद पहुंचने से पहले आपको कुछ समय के लिए बाहर भी रहना पड़ सकता है। अग्नि दुर्घटना की सूचना फायर स्टेशन को देते समय पूर्ण पता एवं सही-सही घटना स्थल के सम्बंध में निकटवर्ती फायर स्टेशन को सूचना दें। जलती हुई बीड़ी, सिगरेट, माचिस की तीली को हमेशा, बुझा कर फेंके। घर में अति ज्वलशील पदार्थ न रखें। घरेलू गैस सिलेण्डर लीकेज होने पर सर्वप्रथम सिलेण्डर को खुले स्थान पर ले जायें व इस दौरान विद्युत स्विच ऑन-ऑफ न करें। खिड़की दरवाजे तुरंत खोल दें। इसकी सूचना तुरंत नजदीकी फायर स्टेशन को दें। घर से बाहर जाते समय विद्युत उपकरण बन्द करें व मोमबत्ती, दीया, अगरबत्ती इत्यादि जलती न छोड़ें। घर, दुकान, गैरेज, गोडाउन, फैक्ट्री, होटल, पंडाल, झांकी आदि में विद्युत वायरों को व्यवस्थित करें, कटे वायरों पर टेपिंग करें। उच्च दबाव न करें, मेन स्विच बंद करके जाएं। घर में बेकार पड़ी सामग्री को नष्ट करें, कागज, लकड़ी, प्लास्टिक इत्यादि अनुपयोगी वस्तु घर में नहीं रखें। आग लगने पर सावधानी पूर्वक नियंत्रण करते हुए तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचित करें एवं फायर ब्रिगेड अमले के कार्य में सहयोग दें। ग्रामीण क्षेत्रों में कचरे में आग लगाने से पूर्व हवा की दिशा को ध्यान रखें ताकि बड़ी आग फैलने से बचा जा सके। सभी रसायनों को विषैला समझें, अपने क्षेत्र के उद्योगों में उपयोग होने वाले रसायनों से होने वाले खतरे व आग के बचाव की जानकारी रखें। अग्निकांड के निकट पानी के स्त्रोतों की जानकारी फायर कर्मियों को तुरंत देवें, जिससे समय बरबाद न हो। आग से जले व्यक्ति को पानी से गीला करके तुरंत उपचार हेतु नजदीकी डॉक्टर / नर्सिंग होम / हॉस्पिटल भेजें। किसी भी अनिकांड को गंभीरता से लें, चाहे कितनी भी छोटी आग क्यों न हों। दमकलों के निकलने वाले रास्ते में रुकावट न डालें, आने / जाने का रास्ता बनायें। हरि प्रसाद पाल / 04 मई, 2024