राष्ट्रीय
06-May-2024
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नई दिल्ली (ईएमएस)। इस वर्ष मौसम विज्ञानियों द्वारा हीट वेव की आशंका जताई जा रही है। मैदानी इलाकों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री और पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री के ऊपर तापमान पहुंचने पर, हीट वेव की आशंका बढ़ जाती है। हीट वेव के कारण कई लोगों की इससे मौत हो जाती है। हीट वेव की जोखिम से बचने के लिए उपाय करने जरूरी हैं। इंडिया हिट इंडेक्स और रोज होने वाली मौत के संबंध में एक शोध किया गया है। शोध में दिल्ली, वाराणसी और चेन्नई मैं हुई मौत पर शोध किया गया है। शोधकर्ताओं ने 1979 से लेकर 2020 तक, 42 सालों के मौसम के आधार पर हीट वेव के दौरान जो मौत हुई थी। उस पर शोध किया है। शोध में पाया गया है, कि सामान्य दिनों के मुकाबले गर्म दिनों के दौरान होने वाली मोत का सबसे ज्यादा जोखिम वाराणसी में पाया गया है। यहां पर 8.1 फ़ीसदी, चेन्नई में 8 फ़ीसदी और दिल्ली में 5.9 फ़ीसदी मौत हीट वेव के कारण हुई हैं। शोधार्थी सगिनक डे के अनुसार हीट वेव के कारण मौत होती हैं। इसे उत्तर भारत में लू के रूप में भी जाना जाता है। जब गर्म हवाएं चल रही हो, उस समय सावधानी जरूरी है। शोध में यह भी कहा गया है। यदि लगातार हीट वेव का मौसम है। ऐसी स्थिति में हीट वेव के कारण मोतों की संख्या बढ़ जाती है। हीट स्ट्रोक के कारण शरीर में ऐंठन, बेहोशी, थकावट,शरीर में पानी की कमी के कारण मौत हो सकती है। गर्मी के दिनों में इससे बचाव करना जरूरी है। एसजे / 6 मई 2024