लेख
06-May-2024
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सुबह-सुबह जानपांडे जी गली मोहल्ले के बच्चों को एकत्र कर बीच चौक में समझा रहे थे कि लोकतंत्र में मतदान का क्या महत्व है। वह बताने की कोशिश कर रहे थे कि बिना लालच और बिना लोभ के पूरी ईमानदारी के साथ मतदान करना कितना अनिवार्य है। उन्होंने बच्चों को समझाया की जब हम ईमानदारी के साथ मतदान करेंगे तभी देश को ईमानदार सरकार मिलेगी। यदि हम किसी से कुछ लेकर या भविष्य में कुछ मिलने का लोभ पालकर मतदान करेंगे तो सरकार में भ्रष्ट लोग ही जाएंगे और तब वह देश का भला नहीं करेंगे, बल्कि अपना भला पहले सोचेंगे। यही नहीं जानपांडे जी ने समझाया कि चुनाव के समय जो जितना मतदाता को देकर जाएगा सरकार में आने के बाद उससे हजार गुना ज्यादा वसूल भी लेगा। ऐसे में भला किसका है और घाटा किसका है? हम सभी समझ सकते हैं कि नेता तो हम ही चुनते हैं, फिर वह भ्रष्ट निकलते हैं तो दोश देते हैं सिस्टम और सरकार को। अरे भाई पहले हम भ्रष्ट होते हैं, फिर हम अपना भ्रष्ट प्रतिनिधि चुनते हैं और इस तरह सरकार भष्ट लोगों के हाथों में चली जाती है।इसमें दोष किसका है? जानपांडे जी का सवाल सुन बच्चे एक स्वर में जोरदार आवाज में बोले,,, हमारा,,,। जान पांडे जी ने कहा अरे नहीं बघ्चो, तुम मासूम बच्चों का दोष नहीं है, बल्कि आपके बड़े- बुजुर्ग का है। जो ऐसे ही मतदान करते चले आ रहे हैं। उन्हें समझाने की जरूरत है। यह सुन भीड़ में से एक बच्चे ने फुस-फुसाया और धीरे से बोला, फिर अंकल हमें क्यों चैट रहे हैं। हमारे बड़ों और बुजुर्गों को समझाना चाहिए। उन्हें मतदान क्यों और कैसे करना है। हमें तो टॉफी चाहिए दें तो ठीक, नहीं तो अपना रास्ता नापें। जानपांडे जी ने बच्चों की धीमी आवाज भी सुन ली और उसकी कही बात को भी जान लिया। वो बोले कल को तुम भी तो मतदाता बनोगे। जब तुम्हारी नींव मजबूत होगी तो फिर कोई हिम्मत नहीं करेगा, तुम्हें रिश्वत देने की लोभ और लालच में डालने की। तुमसे कोई नोट लो और वोट दो जैसी बात भी नहीं करेगा। क्योंकि तुम ईमानदार मतदाता बन चुके होगे। अभी जानपांडे जी की बात खत्म भी ना हुई थी कि एक नेताजी अपने चंद चमचों के साथ वहां आ पहुंचे। उन्होंने अपनी जेब से कुछ टॉफियां निकालीं और बच्चों को देते हुए अपने चुनाव चिन्ह वाले कागज के झंडे भी उन्हें थमा दिये और बोले, हमारे लिए मतदान करने को घर में मम्मी, पापा, बड़े भाई बहन और भाभी के साथ चाचा-चाची, ताई और ताऊ के साथ दादा, दादी नाना नानी, मामा, मामी अरे जो जो भी हों सभी से कहना। हम फिर आकर और इससे भी ज्यादा टाफियां तुम प्यारे बच्चों में बाटेंगे। नेताजी ने जानपांडे जी को दूर से ही नमस्कार किया और हाथ जोड़ आगे बढ़ गए। नेताजी चौक से अभी ओझल भी ना हुए थे कि गली में से एक दूसरी पार्टी के नेता नुमा आदमकद व्यक्ति सामने आ गए। उनके गले में पार्टी निशान वाला पट्टा था। अब एक और नेताजी बच्चों से मुखातिब थे। उन्होंने हर बच्चे के गले में चुनाव चिन्ह वाला पट्टा पहनाया और सभी के हाथों में एक-एक कोल्ड ड्रिंक की छोटी बोतल पकड़ा दी, और बोले गर्मी बहुत है। यह ठंडा पियो और हमारा जोरदार प्रचार करना। हम जीतेंगे तो रोज फ्री में कोल्ड ड्रिंक पीने को मिलेगी। इस बार बच्चों ने नेताजी की जय के नारे लगा उन्हें खुश कर दिया। यह सब देख जानपांडे जी विचलित हुए जा रहे थे। वह नेताजी से तो कुछ नहीं कह सकते थे। हां! बच्चों को जरूर डांट सकते थे। सो उन्होंने उन्हें डांटते हुए कहा लालच नहीं करना चाहिए। यह लोग ऐसे ही सब को लालच देकर अपने जाल में फान्सते हैं। जानपांडे जी की रटंत तोता विध्या पूरी होती उससे पहले ही एक और नेताजी एक दूसरी गली से निकलते हुए नजर आए। चौक में आकर वह बच्चों से मिलने लग गए। नेताजी अपने चुनाव चिन्ह वाली टोपी पहने हुए थे। उनके हाथ में और भी टोपियाँ थीं और कुछ पम्पलेट भी थे। उन्होंने बच्चों को टोपी पहनाई और बोले, बच्चो हम आपको कोई रिश्वत नहीं देंगे। हां! लेकिन यदि कोई कुछ दे तो उसे लेने से मना भी नहीं करेंगे। आप तो खूब लो और खूब खाओ-पियो, लेकिन चुनाव प्रचार सिर्फ और सिर्फ हमारा करना है। बच्चे नेताजी से भी चालक थे, उन्होंने पहले आए नेताओं के तोहफे उनके सामने रख दिए और बोले इससे ज्यादा वजन हो तो बात करें वरना हवा आने दें। यह सुन नेताजी चुपचाप आगे बढ़ गए। यहां जानपांडे जी बोल पड़े। अब इन नादान बच्चों को कौन समझाए। हम तो ईमानदारी के साथ ही मतदान करेंगे। कल और लोग ईमानदारी से वोट करेंगे, और फिर ईमानदारो की सरकार बनेगी। तब लोकतंत्र मजबूत होगा। आज ना सही कल सूरज जरूर निकलेगा और भ्रष्टाचारी रूपी रात का अंत जरूर होगा। पर अफसोस की बच्चे वहां से जा चुके थे और चौक पर अकेले खड़े जानपांडे जी खुद से ही खुद को समझा रहे थे। वो कहे जा रहे थे- मतदान करो, मतदान करो। मतदान लोकतंत्र की कुंजी है। जिससे ना राजशाही आती है। मतदान शब्द में दान छुपा है। इससे आत्मा शुद्ध होती है। मतदान करो, मतदान करो।।।। ईएमएस / 06 मई 24