व्यापार
06-May-2024
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- रिटायरमेंट की उम्र में की थी कारोबार की शुरुआत नई दिल्ली (ईएमएस)। दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्होंने ढलती उम्र में बड़ी सफलता हासिल की है। ऐसे ही कहानी लक्ष्मण दास मित्तल की है। लक्ष्मण दास सोनालिका ट्रैक्टर्स के फाउंडर हैं। एक समय पर वह एलआईसी के एजेंट हुआ करते थे। उन्होंने अपनी सैलरी से पाई-पाई बचाई थी। रिटायरमेंट की उम्र में उन्होंने कारोबार की शुरुआत की थी। आज देश के टॉप ट्रैक्टर्स के ब्रांड में सोनालिका का नाम शामिल हो चुका है। वह देश के सबसे उम्रदराज अरबपति हैं। लक्ष्मण दास मित्तल की कहानी अनोखी है, उन्होंने लोगों के लिए एक मिसाल कायम की है। लक्ष्मण दास ने दिखा दिया कि सफलता किसी भी उम्र में हासिल की जा सकती है। लक्ष्मण दास मित्तल सोनालिका ग्रुप और सोनालिका ट्रैक्टर्स के चेयरमैन हैं। इनका जन्म 5 अगस्त 1931 को पंजाब के होशियारपुर में हुआ था। इनके पिता हुकुमचंद स्थानीय मंडी में अनाज के डीलर थे, इसलिए उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य थी। उनके पिता उन्हें हमेशा से ही पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करते थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद 1955 में लक्ष्मण दास ने एलआईसी एजेंट के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। लक्ष्मण दास शुरू से ही बिजनेस करना चाहते थे। लेकिन बिजनेस के लिए पूंजी की जरूरत होती है। इसके लिए उन्होंने एलआईसी एजेंट के रूप में काम करते हुए अपनी सैलरी से पाई-पाई बचाई। उसी बचत से उन्होंने 1962 में नौकरी करते हुए थ्रेशर मशीन बनाने का काम शुरू किया, लेकिन इसमें वो सफल नहीं सके। उनका यह कारोबार डूब गया और वे दिवालिया हो गए, इस दौरान उनकी नेटवर्थ सिर्फ 1 लाख रुपये रह गई। साल 1996 में लक्ष्मण दास मित्तल ने अपनी सारी जमा पूंजी लगाकर सोनालिका ट्रैक्टर्स की शुरुआत की थी। लक्ष्मणदास मित्तल की ट्रैक्टर कंपनी का उत्तर भारतीय राज्यों में मजबूत कारोबार है। सोनालिका ग्रुप के 5 प्लांट पांच अलग-अलग देशों में स्थित है। कंपनी 120 से अधिक देशों में ट्रैक्टर निर्यात करती है। फोर्ब्स की लिस्ट में उन्हें अरबपतियों की लिस्ट में शामिल किया गया। उनकी नेटवर्थ 2.5 अरब डॉलर के आस पास है। वर्तमान में सोनालिका समूह का नेटवर्थ करीब 23000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। सतीश मोरे/06मई ---