राज्य
06-May-2024


नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली हाई कोर्ट की फटकार व निर्देश के बाद आखिरकार राजन बाबू इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मोनरी मेडिसिन एंड ट्यूबरक्लोसिस (आरबीटीबी) हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड मशीन पहुंच गई और छह मई से इसका संचालन शुरू हो जाएगा। एमसीडी ने एक याचिका पर हलफनामा दाखिल कर दिल्ली हाई कोर्ट को यह जानकारी दी। मामले पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता संगठन ने अदालत से अनुरोध किया कि 1500 बेड वाले अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन स्थापित की जानी चाहिए। इस पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन व न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने एमसीडी को इस अनुरोध की व्यवहार्यता पर विचार कर अगली सुनवाई पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। 23 अप्रैल को हुई पिछली सुनवाई के दौरान पीठ ने अल्ट्रासाउंड मशीन की खरीद के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र जारी नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की थी और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी। अदालत के सख्त रुख को देखते हुए एक घंटे के बाद दोबारा हुई सुनवाई पर अदालत के समक्ष मशीन खरीदने के संबंध में जरूरी प्रमाण पत्र पेश किया था, जिसकी संबंधित जिलाधिकारी से मंजूरी प्राप्त की गई थी। साथ ही आश्वासन दिया गया था कि मशीन खरीद कर 15 दिनों के भीतर चालू कर दिया जाएगा। अदालत ने यह टिप्पणी व आदेश आरबीटीबी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीनों के साथ-साथ दवाओं के न होने के विरुद्ध गैरसरकारी संगठन सोशल जूरिस्ट द्वारा दायर जनहित याचिका पर दिया था। याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने कहा कि अब भी दवा उपलब्ध नहीं है। यह भी कहा कि था कि मशीन उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले में अगली सुनवाई 21 मई को होगी। अजीत झा/ देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/06/मई/2024