क्षेत्रीय
06-May-2024


ग्वालियर ( ईएमएस ) | लोकसभा चुनाव के लिए 7 मई को होने वाले मतदान का चुनाव प्रचार खत्म होने तक अंचल की 3 सीटों कांटे की टक्कर नजर आ रही है | ग्वालियर चंबल संभाग की मुरैना ग्वालियर और दतिया भिंड सीट पर मुकाबला भाजपा के लिए टेंशन देने वाला लग रहा है | वहीं जातीय समीकरण हावी होने से हर पार्टी के भीतर बेचैनी का आलम है। अंचल की तीन सीटों ग्वालियर, भिण्ड और मुरैना में बसपा ने इस बार चुनाव को रोचक बना दिया है। चुनावी हालात बताते हैं कि ग्वालियर, भिंड और मुरैना में जातिगत समीकरण बुरी तरह हावी है। ग्वालियर लोकसभा सीट की बात कर तो इस लोकसभा चुनाव ने भाजपा और कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव हारे प्रत्याशियों पर दाव लगाया है| वैसे मुकाबला भाजपा के भारत सिंह कुशवाह और कांग्रेस के प्रवीण पाठक के बीच मैं है। ये दोनो ही दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। भाजपा ने जातीय समीकरण साधते हुए ग्वालियर लोकसभा से पहली बार कुशवाह उम्मीदवार को उतारा है, वहीं कांग्रेस के प्रवीण पाठक के सामने संगठन की निष्क्रियता और बड़े नेताओं के दौरों की कमी से परेशानी बनी रही। वहीं भाजपा मैं भी गुटबाजी नजर आ रही है | ऐसे में चुनाव परिणाम किस तरफ जाएंगे यह बसपा के वोटो पर निर्भर करता है| मुरैना लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो इस संसदीय क्षेत्र की हारी विधानसभाओं पर बीजेपी ने अब नए सिरे से जातीय समीकरणों को अपने पक्ष में करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। यहां से भाजपा ने शिवमंगल सिंह तोमर और कांग्रेस ने सत्यपाल सिंह सिकरवार (नीटू) को मैदान में उतारा है। भाजपा ने यहां पूर्व मंत्री एवं इलाके के दिग्गज नेता रामनिवास रावत को भाजपा में लाकर श्योपुर, विजयपुर और कैलारस में बड़ी संख्या में रावत और धाकड़ समाज को साधने की दिशा में बड़ा कार्ड खेला है। इससे पहले दिमनी के धाकड़ नेता बलवीर दंडौतिया को बीजेपी में लाकर ब्राम्हण वोटर्स को साधने का प्रयास किया। यहीं से विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर भी आते हैं। इनके अलावा गुर्जर व कुशवाह बाहुल्य सुमावली विधानसभा से पूर्व विधायक अजबसिंह कुशवाह और गुर्जर बाहुल्य मुरैना विधानसभा से पूर्व एमएलए राकेश मावई को अपने पाले में कर लिया है | इस चुनाव का फैसला पूरी तरह से जातिगत वोटो पर निर्भर करता है| वहीं भिंड लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो इस सीट पर भाजपा ने सांसद संध्या राय को दोबारा उम्मीदवार बनाया है। उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के फूल सिंह बरैया से हैं। संध्या राय वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव लगभग दो लाख वोटों से जीती थी। तब उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार देवाशीष जरारिया को हराया था। इस चुनाव में समीकरण एक दम बदल गए हैं। देवाशीष जरारिया इस चुनाव में बसपा से उम्मीदवार हैं। यहां पर बसपा का अपना वोट बैंक हैं। । इस चुनाव में बसपा कितना वोट लेकर जाएगी, इस पर सभी की नजर टीकी हुई है। वर्तमान में फूल सिंह बरैया भी इस लोकसभा क्षेत्र की भांडेर से विधायक हैं। फिलहाल आंचल की इन तीनों लोकसभा सीटों के चुनाव परिणाम पर लोगों की विशेष नजर रहेगी | इन तीनों सीटों पर चुनाव के लिए भाजपा के बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा भी दाव पर लगी है | भाजपा ने इन सीटों पर चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है |