लेख
07-May-2024
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देश में पहला लोकसभा चुनाव 25 अक्टूबर 1951 से लेकर 21 फरवरी 1952 तक चला था। उस समय पूरे देश में चुनाव कराया एक जटिल प्रक्रिया थी। सबकुल नया भी था। भारत के पहले चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन थे। चुनाव आयोग के पास बड़ी जिम्मेदारी थी। देश का पहला आम चुनाव 68 चरणों में कराया गया था। पहले इलेक्शन कमिशन ने तय किया था कि वोटिंग 1952 के फरवरी और मार्च महीने में होगी। लेकिन हिमाचल प्रदेश की चिनी तहसील के लोगों को अक्टूबर 1951 में ही मौका मिल गया, क्योंकि सर्दियों में बर्फबारी के चलते यह इलाका बाकी जगहों से कट जाता है। देश के पहले लोकसभा चुनाव में 401 निर्वाचन क्षेत्रों की कुल 489 सीटों के लिए मतदान हुआ था। तब बैलेट पेपर पर चुनाव हुआ करता था।संविधान हमें वोट देने का अधिकार देता है, जो एक मौलिक अधिकार है जिसका प्रयोग भारत के सभी नागरिकों को करना चाहिए। मतदान प्रतिशत में गिरावट को रोकने के लिए वर्तमान राजनीतिक रुझानों और प्रणालियों में आमूल-चूल परिवर्तन की आवश्यकता है। मतदान करते समय सतर्क रहना और सोच-समझकर निर्णय लेना महत्वपूर्ण है। हाल के चुनावों के नतीजों में मतदाता मतदान में कमी देखी गई है, जिससे यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक बदलावों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है कि मतदाताओं को सरकार में एक सच्चा प्रतिनिधि मिले। भारत में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होकर और 1 एक जून तक वोटिंग होगी। सात फेज़ में इलेक्शन होंगे और 4 जून को नतीजे आएंगे। लेकिन ये बात भी गौर करने वाली है कि इस बार लोकसभा चुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया 44 दिनों में पूरी होगी जो 1951-52 के पहले ससंदीय चुनाव के बाद मतदान की सबसे लंबी अवधि होगी। बता दें कि पहले चुनाव में वोटिंग 4 महीने से अधिक समय तक चली थी। इस बार निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा से लेकर मतगणना होने तक तक चुनाव प्रक्रिया कुल 82 दिनों में पूरी होगी। मतदान न केवल एक अधिकार है बल्कि एक कर्तव्य भी है जो हमारे देश के भविष्य को आकार देने में मदद करता है। इसमें सरकारों को बदलने, देश को बेहतर बनाने और सामाजिक परिवर्तन लाने की शक्ति है। मतदान करके, हम उन प्रतिनिधियों को चुनते हैं जो हमारे देश पर शासन करते हैं, इसलिए हमारे देश के विकास के लिए सभी नागरिकों के लिए इस प्रक्रिया में भाग लेना महत्वपूर्ण है। मतदान हमें उस प्रकार की सरकार में अपनी बात कहने का अधिकार देता है जो हम चाहते हैं और देश की प्रगति में योगदान करते हैं। यह हमें महिलाओं, बच्चों और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के अधिकारों की वकालत करने में भी सक्षम बनाता है। स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता अभियान छात्रों को लोकतंत्र में मतदान के महत्व के बारे में शिक्षित करते हैं। सभी के लिए जरूरी है कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग करें और देश के विकास में अपना योगदान दें। ईएमएस / 07 मई 24