राज्य
07-May-2024


कॉलेज या विश्वविद्यालय की गलती का खामियाजा विद्यार्थी नहीं भुगत सकता जबलपुर, (ईएमएस)। मप्र हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में स्पष्ट किया है कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान या विश्वविद्यालय की गलती का खामियाजा विद्यार्थी नहीं भुगत सकता। इस टिप्पणी के साथ हाईकोर्ट ने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल को निर्देश दिए है कि याचिकाकर्ता छात्रा इशिता पटेल को पहले सेमेस्टर के औसत अंक दिए जाए और अंतिम सेमेस्टर में उसे शामिल किया जाए। जबलपुर निवासी इशिता पटेल की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि विश्वविद्यालय या ग्लोबल इंजीनियरिंग कालेज ने याचिकाकर्ता छात्रा की पहली सेमेस्टर के एक विषय की उत्तर पुस्तिका गुमा दी थी। जबलपुर निवासी इशिता पटेल की ओर से अधिवक्ता सतीश वर्मा ने न्यायालय को बताया कि वर्ष २०२१ में उत्तर पुस्तिकाएं घर से लिख कर कालेज में जमा की गई थीं। विश्वविद्यालय ने यह कहकर एक विषय में नंबर नहीं दिए कि उन्हें उसकी कापी नहीं मिली, जबकि उसकी रसीद भी पेश की गई। बाकी सभी विषयों में छात्रा को अच्छे अंक मिले थे। मामले में हाई कोर्ट के कई पूर्व फैसलों का हवाला भी दिया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने उक्त विषय में औसत अंक देकर, अंतिम सेमेस्टर में बैठने की अनुमति याचिकाकर्ता को प्रदान कर दी, साथ ही राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को निर्देश दिए है कि छात्रा को अंतिम सेमेस्टर परीक्षा में शामिल किया जाए साथ ही प्रथम सेमेस्टर के औसत अंक उसे दिए जाए। सुनील // मोनिका // ०७ मई २०२४ // ०४.४०