राज्य
08-May-2024
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नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली में कूड़े के पहाड़ों पर लगने वाली आग पर चौबीस घंटे निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। लैंडफिल साइटों के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरों से बाड़बंदी करने की तैयारी हो रही है। मौजूदा समय में ओखला लैंडफिल साइट पर 32, गाजीपुर लैंडफिल साइट पर 31 और भलस्वा लैंडफिल साइट पर 31 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। एसएलएफ साइटों को माचिस, लाइटर मुक्त और धूम्रपान निषेध क्षेत्र घोषित किया गया है। गाजीपुर लैंडफिल साइट पर गर्मी बढ़ते ही 22 अप्रैल को आग लग गई थी। लैंडफिल साइट के 3000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में आग की लपटें फैल गई थी। धुएं से पूर्वी दिल्ली के बड़े हिस्से के साथ-साथ नोएडा-गाजियाबाद तक लोगों को सांस लेने में समस्या पैदा हो गई थी। दमकल की गाड़ियों ने कई हजार लीटर पानी डालकर मुश्किल से आग पर काबू पाया। करीब 600 मीट्रिक टन इनर्ट डालकर आग की लपटों को शांत किया गया। एनएच-24 के बगल में स्थित लैंडफिल साइट के पास में गाजीपुर और खिचड़ीपुर गांव हैं। इस घटना के बाद एनजीटी ने दिल्ली सरकार और एमसीडी दोनों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। मौजूदा समय गाजीपुर लैंडफिल साइट का क्षेत्रफल 29.62 हेक्टेयर है। साइट पर पहले से डंप कुल कचरा करीब 13 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक है। गाजीपुर साइट पर जमा कूड़ा कुछ स्थानों पर करीब 60 मीटर से अधिकतम ऊंचाई तक पहुंच गया है। इसकी औसत ऊंचाई करीब 50 मीटर है। इस साइट पर 60 से 80 डिग्री का तीव्र ढलान है। ऐसी ही स्थिति ओखला और भलस्वा लैंडफिल साइट में भी है। अजीत झा/ देवेन्द्र/ नई दिल्ली/ ईएमएस/08/मई /2024