राष्ट्रीय
08-May-2024


10 साल में 336 फ़ीसदी बढा कर्ज नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय की डाटा रिपोर्ट सामने आई है। जिससे जानकारी मिलती है,पिछले 50 साल में सबसे कम बचत वर्ष 2023-24 में हुई है। पिछले 50 वर्षों के बचत का रिकॉर्ड टूट गया है। वर्ष 2023-24 में बचत 5.3 फ़ीसदी रह गई है। जबकि पिछले 50 वर्षों में 7 से 8 फ़ीसदी के बीच में न्यूनतम बचत रहती थी। बड़ी तेजी के साथ बढ़ रहा है कर्ज देश में बैंकों से लिया गया, घरेलू कर्ज भी बड़ी तेजी के साथ बढ़ रहा है। पिछले साल की तुलना में यह 54 फ़ीसदी बढ़ गया है। क्रेडिट कार्ड और होम लोन के माध्यम से सबसे ज्यादा कर्ज लिया गया है। पिछले 10 साल में कर्ज 336 फ़ीसदी बढा है। 2014-15 में 2.58 लाख करोड़ का कर्ज था। जो 2022-23 में बढ़कर 11.88 लाख करोड़ हो गया है। गैर बैंकिंग कर्ज पिछले दो वर्षों में तीन गुना ज्यादा बढ़ गया है। काम बचत और ज्यादा कर्ज से बैंकों को नगदी का संकट झेलना पड़ रहा है। घरेलू कर्ज एनबीएफसी और अन्य वित्तीय संस्थानों से महंगी ब्याज दर पर लिया गया है। 2022-23 में यह एक लाख करोड रुपए से अधिक का हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रांडेड सामान की बिक्री बढी,शहरों में घटी पिछले 15 महीनो में ग्रामीण अंचलों और शहरी अंचलों की मांग में भी भारी परिवर्तन देखने को मिला है। पैकेट में बिकने वाले ब्रांडेड गुड्स की मांग शहरों में घटी है। गांवों में बड़ी तेजी के साथ मांग बढी है। शहरी क्षेत्र में 5.5 फ़ीसदी की मांग घट गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में 7.6 फ़ीसदी की दर से मांग बढ़ी है। जिसके कारण एफएमसीजी कंपनियां ग्रामीण क्षेत्र की ओर विशेष ध्यान दे रही हैं। ग्रामीण अंचलों से साबुन, तेल, पर्सनल केयर और खाने-पीने की वस्तुओं की मांग बढ़ी है। शहरों में मांग घटने और ग्रामीण क्षेत्रों में मांग का बढ़ना यह प्रमाणित करता है, शहरी क्षेत्र की तुलना में अब ग्रामीण अंचलों में खर्च करने के लिए पैसा है। जिसके कारण भौतिक आवश्यकताओं की मांग ग्रामीण अंचलों में बढ़ रही है। एसजे / 8 मई 2024