क्षेत्रीय
08-May-2024
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राजनांदगांव (ईएमएस)। शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला जादूटोला के प्राचार्य एवं कवि शंकर शरण तथा उनकी धर्मपत्नी श्रीमती निर्मला देवी खोब्रागढ़े के जन्मदिवस तथा विवाह के 44वीं वर्षगाँठ के अवसर पर उनके निज ग्राम कुमरदा में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ अंचल के विभिन्न क्षेत्रों से आए ख्यातिलब्ध कवियों ने अपनी शानदार प्रस्तुति से उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में श्री एवं श्रीमती खोब्रागढ़े के निवास स्थान पर आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम में उपस्थित कवियों एवं परिजनों ने खोब्रागढ़े दम्पत्ति को जन्मदिवस एवं वैवाहिक वर्षगांठ की शुभकामनाएँ प्रेषित की। तत्पश्चात कार्यक्रम स्थल पर शानदार कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जहाँ सर्वप्रथम आयोजक शंकर शरण खोब्रागढ़े एवं सहयोगी पूर्णानंद चुरेंद्र, किसन साहू, लक्ष्मी नारायण साहू, ज्ञानचंद साहू, सरपंच दिनेश ठाकुर, ग्राम पटेल कांतिलाल साहू, नविन कुमार साहू, प्रदीप कुमार साहू, ललित कुमार साहू एवं फ्रेंड्स फिट क्लब के कोच हरीश चौहान आदि ने आमंत्रित कवियों का सम्मान किया। कवि सम्मेलन की शुरुआत छत्तीसगढ़ अंचल के प्रसिद्ध गीतकार मीर अली मीर ने सरस्वती वंदना से की। उन्होंने अपने प्रसिद्ध गीत नंदा जाही का रे तथा अन्य गीत और गज़लों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी। इसके पश्चात संतु राम गंजीर तुलमुलहा ने छत्तीसगढ़ की टोनही समस्या पर छत्तीसगढी हास्य कविता टोनही होथे के नहीं तुमन बतावव के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूकता का संदेश दिया। इसी क्रम में मोखला - सुरगी के व्यंग्यकार लखन लाल साहू लहर ने जउँहर भईगे मोबाइल हास्य कविता के माध्यम से मोबाइल के दुष्प्रभाव को बताया। बेमेतरा से आये गीतकार अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा जनता ने तुंहर ददा के का जावत हे की प्रस्तुति देकर समाज में आ रही सामाजिक विकृति की ओर जनमानस का ध्यान आकृष्ट कराया। अगले क्रम में झलमला (बालोद) से पधारे व्यंग्यकार पुष्कर राज और डॉ. एस एल गंधर्व ने हास्य कविता के माध्यम से सरकारी विभागों में हो रहे भ्रष्टाचार की पोल खोली। कवियत्री श्रीमती माला गौतम ने मधुर छत्तीसगढ़ी गीतों की प्रस्तुति दी। अपने चुटिले अंदाज में कार्यक्रम का संचालन कर रहे अर्जुनी के हास्य कवि वीरेंद्र तिवारी वीरू ने छत्तीसगढ़ी में व्यंग्य रचना की प्रस्तुति देते हुए उपस्थित श्रोताओं को लोटपोट कर दिया। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित कवि सम्मेलन के शानदार आयोजन के लिए कवियों और श्रोताओं का आभार प्रदर्शन करते हुए शंकर शरण ने अपनी कविताओं के माध्यम से, इस कवि सम्मेलन को कुमरदा के लिए ऐतिहासिक बताते हुए युवा पीढ़ी को इसे जारी रखने का आह्वान किया। इस अवसर पर सेवानिवृत प्राचार्य गौरीशंकर यादव, शिक्षक जी डी शेंडे रामेश्वर कोसमा, प्राचार्य धर्मेंद्र सारस्वत, साहित्यकार अनिल केसर उजाला, बैंक मैनेजर परेश कुमार स्वाइन, लाभचंद साहू, मोरारी जी, दिनेश शुक्ला, तामेश्वर खोब्रागढ़े, छबील दास साहू, रेखु राम भुआर्य, व्याख्याता बसंत कुमार यादव, रामकुमार, महेश्वर साहू, प्रधान पाठक रविंद्र दुबे, श्रीमती ममता दुबे, व्याख्याता रोहित तारम एवं फ्रेंड्स फिट क्लब के सदस्य सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे। उक्त जानकारी व्याख्याता एवं कवि पूनाराम यादव ने दी।