क्षेत्रीय
23-May-2024
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-भोपाल में करीब 10,000 पालतू कुत्ते, रजिस्टर्ड केवल 1350 ही भोपाल (ईएमएस)। भोपाल सहित प्रदेशभर में कुत्तों के आतंक बढऩे के बाद सरकार ने निर्देश दिए थे कि पालतू कुत्ते, बिल्ली आदि का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। लेकिन राजधानी भोपाल में ही सरकार के निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2019 की जनगणना के अनुसार राजधानी में करीब 10,000 पालतू कुत्ते हैं। हालांकि नगर निगम में महज 1350 कुत्तों का ही रजिस्टे्रशन है। इसके अलावा करीब दो लाख आवारा कुत्ते हैं। इनकी नशबंदी पर हर साल लाखों के खर्च के बाद भी इनकी आबादी नियंत्रित नहीं हो पा रही। नगर निगम के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राजधानी की हर कॉलोनी और कई मंत्रियों, अफसरों के घरों में कुत्ते पले हुए हैं। अधिकांश विदेशी नस्ल के हैं। ऐसे डॉग्स की जानकारी इकट्ठा करने और इनसे लोगों को होने वाली दिक्कतों पर नियंत्रण के लिए सरकार ने अनिवार्य तौर से रजिस्ट्रेशन कराने के नियम भी बनाए हैं। इसके बाद भी शहर में 1350 से कुछ अधिक डॉग्स को पालने का लायसेंस ही इनके मालिकों को पास है। यह स्थिति तब है जब कुत्ता मालिकों पर पेनाल्टी लगाने का नियम है और पेट डॉग्स के हमलों के मामले सामने आ चुके हैं। नियम है कि पशु चिकित्सक की ओर से जारी सर्टिफिकेट भी देना होगा कि उसे कोई संक्रमण नहीं है और वह परिसर में रखे जाने लायक है। रजिस्ट्रेशन के बाद निगम आयुक्त या मुख्य नगरपालिका अधिकारी पशु चिकित्सक की देख रेख में पशु को माइक्रो चिप अथवा टैग या अन्य साधनों से ब्रांडिंग कोड लगवाएगा, इसे पशु स्वामी की विस्तृत जानकारी होगी। कोड को निकाय के रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। कोडिंग का खर्च भी पशु स्वामी से लिया जाएगा। रजिस्ट्रेशन एक साल के लिए रहेगा, इसे हर वर्ष समाप्ति के 30 दिन के भीतर रिन्यू कराना होगा, ऐसा न कर पाने पर देरी के लिए प्रत्येक दिन रजिस्ट्रेशन फीस की दस फीसदी की दर से पेनाल्टी लगाई जाएगी। कोड के साथ या बिना खुले में घूमते मिले पशु को निकाय के अधिकारी जब्त करेंगे, कांजी हाउस में रखेंगे, जब्त करने के एक हफ्ते के भीतर मालिक को दावा करना होगा, ऐसा न होने पर उसका उपयुक्त रीति से निपटान किया जाएगा। कोई ब्रांडेड पशु दो बार से ज्यादा आवारा भटकते पाया जाता है को उसके मालिक को सात दिन में जवाब देने का नोटिस दिया जाएगा, इससे संतुष्ट न होने पर लायसेस रदद करने के साथ ही 100 से 500 रुपए की पेनाल्टी वसूली जाएगी। लायसेंस का प्रावधान 15 साल से भोपाल नगर निगम पालतू कुत्तों का लायसेंस बीते 15 साल से बना रहा है। अब तक 1350 से अधिक लायसेंस जारी किए जा चुके हैं। यह पेट डॉग्स की वास्तविक संख्या के मुकाबले काफी कम है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य शासन ने मप्र नगरपालिका (रजिस्ट्रीकरण तथा आवारा पशुओं का नियंत्रण) नियम 2023, फरवरी 23 में अधिसूचित किए थे। इसमें स्पष्ट तौर से कहा गया कि नगरीय निकाय की सीमा में रखे या लाए गए प्रत्येक पशु के स्वामी इन नियमों के नोटिफाइड होने के तीन महीने के भीतर या शहर में लाने के सात दिन के अंदर, पशु के रजिस्ट्रीकरण के लिए संबंधित अधिकारी को आवेदन करेगा। ऐसा न करने पर पशु मालिक पर रजिस्ट्रेशन फीस की दस गुना पेनाल्टी लगाई जाएगी। नियमों के मुताबिक पशु के खतरनाक या आक्रामक होने की शिकायत मिलने पर उसके मालिक को नोटिस देकर सात दिन में जवाब मांगा जाएगा। इससे संतुष्ट न होने पर नया नोटिस जारी करते हुए तीन दिन में पशु को उचित नियंत्रण में रखने का निर्देश देंगे। इस पर अमल नहीं करने की स्थिति पशु को नीलाम कर दिया जाएगा।