राज्य
25-May-2024
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नर्सिंग घोटाले के मास्टर माईंड हैं वीसी, रजिस्ट्रार भोपाल/जबलपुर (ईएमएस)। मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (एमपीएमएसयू) की कार्यपरिषद (ईसी) में एक नर्सिंग कॉलेज को मान्यता दिए जाने का मुद्दा एक ही साल में मई माह से नवंबर माह तक उठाया जाता हैं। मान्यता के लिए बार-बार ईसी सदस्यों द्वारा 6 बार अमान्य किए जाने वाले इस कॉलेज को अचानक दिसंबर 2022 एमपीएमएसयू का निजाम बदलते ही मान्यता मिल जाती हैं। हम यहाँ बात कर रहे हैं वर्तमान में प्रदेश भर में सुर्खियों में आए भोपाल के मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग की। सूत्रों की मानें तो तत्कालीन कमिश्नर जबलपुर एवं कुलपति डॉ. चंद्रशेखर और तत्कालीन ईसी सदस्यों द्वारा इस कॉलेज की फाइल को लगातार 6 बार रिजेक्ट किया गया। इसके बाद एमपीएमएसयू का निजाम बदला और प्रबंधन की बागडोर वर्तमान में 120 करोड़ एफडी घोटाले में फंसे वर्तमान कुलपति (वीसी) डॉ. अशोक खंडेलवाल एवं वर्तमान कुलसचिव (रजिस्ट्रार) डॉ. पुष्पराज सिंह बघेल ने संभाली। सूत्रों की मानें तो इन्हीं के द्वारा मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग को नियमों को ताक पर रख कर आनन फानन में मान्यता प्रदान की गई। सूत्रों की मानें तो नर्सिंग घोटाले के सूत्रधार और मास्टर माईंड यही दोनों ही हैं। बताते हैं नर्सिंग घोटाले की शुरुआत ही एमपीएमएसयू से हुई लेकिन एफडी घोटाले में फंसे उक्त अधिकारियों से अब तक सीबीआई टीम पूछताछ नहीं कर पाई हैं। सूत्रों की मानें तो जब तक सीबीआई की टीम इस घोटाले की जड़ तक नहीं पहुँचेगी तब तक मामले में वास्तविकता सामने नहीं आ सकती। ज्ञात हो कि मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग के चेयरमैन अनिल भास्करन, प्रिंसिपल सूना अनिल भास्करन और सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज को रिश्वत मामले में गिरफ्तारी हुई, जिसके बाद श्री राज को सीबीआई ने बर्खास्त भी कर दिया। बताते हैं नर्सिंग कॉलेज घोटाले के केस में कॉलेज की सही रिपोर्ट पेश करने के बदले में सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज ने रिश्वत मांगी थी। नर्सिंग घोटाले में अब तक 23 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। जबलपुर एक्सप्रेस जल्द ही मलय नर्सिंग कॉलेज सहित अन्य कॉलेजों की सूची जारी करेगी जीने उक्त वीसी और रजिस्ट्रार की जोड़ी ने नियमों को ताक पर धर कर मान्यता दी। हालाँकि वर्तमान में उक्त जोड़ी एफडी घोटाले का ठीकरा पूर्व कुलपतियों और रजिस्ट्रारों पर फोड़ने की कवायद में मशगूल हैं। -इस तरह नियमों को ताक पर धर कर दे दी मान्यता एमपीएमएसयू सूत्रों के अनुसार मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग की बीएससी नर्सिंग की 30 सीटों के लिए वर्ष 2022 में सर्वप्रथम ईसी की 11 मई की बैठक में मुद्दा आने पर कहा गया कि प्रकरण आगमी बैठक में निरीक्षण समिति द्वारा निरीक्षण करने के दौरान बनी हुई सीडी अवलोकन कर इसके बाद संबद्धता के विषय में निर्णय लिया जाएगा। 20 मई को हुई ईसी बैठक में यह मुद्दा अगली बैठक के लिए टल गया।२६ मई की ईसी बैठक में इस विषय को आगामी बैठक में निर्णय लेने और 5 जुलाई की बैठक में महाविद्यालयों से जवाब आने के बाद संबद्धता पर विचार करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद 26 जुलाई और 25 नवंबर की लगातार दो बैठकों में तत्कालीन कुलपति एवं संभागायुक्त डॉ. बी. चंद्रशेखर ने इस कॉलेज की संबद्धता के विषय को अमान्य कर दिया। पूर्व बैठकों में इस मुद्दे को लगातार उठवाने के बाद भी रजिस्ट्रार डॉ. पुष्पराज सिंह बघेल ने हार नहीं मानी और नवागत कुलपति (वीसी) डॉ. अशोक खंडेलवाल से मिलीभगत कर 23 दिसंबर 2022 की ईसी बैठक में इस कॉलेज को नियमों को ताक पर रख कर मान्यता दे दी गई।   -यह दिया गया तर्क जिस कॉलेज को पूर्व की 6 बैठकों में अमान्य ठहराया गया उसे अचानक ए कैटेगिरी में रख दिया गया। 23 दिसंबर 2022 की ईसी बैठक में मलय कॉलेज आफ नर्सिंग को मान्यता दी गई उसमें इसके संबंध में कहा गया समूह ए के अनुसार जिन कॉलेजों को संबंधित काउंसिल से मान्यता प्राप्त हैं एवं जिन्होंने समय-समय पर विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार समय पर शुल्क जमा किया है एवं जिनकी प्रस्तुत विस्तृत अभिलेखानुसार जिनकी सभी मूलभूत सुविधाएं विश्वविद्यालय के द्वारा स्थापित मानकों के हिसाब से संतुष्टि पूर्वक पाया गया, उन सभी महाविद्यालयों का संबद्धता हेतु मान्य किया गया।