ज़रा हटके
28-May-2024
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- यह प्रोजेक्ट ब्रिटेन के महाराजा ने बनाया था स्कूल में लंदन (ईएमएस)। ब्रिटेन के एक यूनिक स्कूल प्रोजेक्ट में बच्चे ने स्कूल में बकरी बनाई, जो अब नीलाम होने जा रही है। इस बकरी की कीमत 10 लाख रुपये रखी गई है। नीलामीकर्ताओं को उम्मीद है कि नीलामी में शायद इससे भी ज्यादा कीमत मिल सकती है। चौंकिए मत, यह प्रोजेक्ट ब्रिटेन के महाराजा और तत्कालीन प्रिंस चार्ल्स ने अपने स्कूली दिनों में बनाया था। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान उन्हें यह प्रोजेक्ट दिया गया था। उन्होंने अपने हाथ से मिट्टी की यह बकरी तैयार की थी और उसे अपने ही हाथों से पेंट किया था। उनके राजा बनने के बाद यह भूली-बिसरी चीज बेशकीमती संपत्ति बन गई। एक्सपर्ट के मुताबिक, उस वक्त वेल्स की रॉयल रेजिमेंट का शुभंकर बकरी हुआ करती थी, शायद वहीं से चार्ल्स को प्रोजेक्ट में बकरी बनाने का आइडिया आया होगा। यह उनके द्वारा तैयार एक मात्र मूर्ति है। इसलिए नीलामी में इसकी कीमत 12000 डॉलर यानी तकरीबन 10 लाख रुपये लगाई गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कैम्ब्रिज में रसोइया के तौर पर काम करने वाली एक महिला के हाथ यह मूर्ति आई थी। जिसने अपने 21वें जन्मदिन पर अपने भतीजे को इसे गिफ्ट किया था। ब्रिटिश कोलंबिया में रहने वाले पैटन अब 76 साल के हैं। जब चार्ल्स राजा बने तो पैटन ने नीलामीकर्ताओं से संपर्क किया। उन्हें इस बकरी के बारे में बताया। इसके बाद अगले हफ्ते इसे नीलामी के लिए रखा जाएगा। पैटन ने बताया, मेरी चाची नेली हेलेन पैटन ने मुझे 22 जून, 1969 को यह बकरी दी थी। उन्होंने बताया था कि प्रिंस चार्ल्स ने इसे बनाया है। उन्हें इस बात पर गर्व था कि 1960 के दशक के आखिर में प्रिंस चार्ल्स कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे। उस वक्त वो क्वींस कॉलेज के अध्यक्ष के लिए रसोइए के तौर पर काम करती थीं। पैटन ने कहा, मुझे लगता है कि मेरी चाची राजा चार्ल्स को व्यक्तिगत तौर पर जानती थीं। उन्हें शाही परिवार के सदस्यों की सेवा करने का सम्मान मिला। उन्होंने रानी के लिए खाना पकाया। मैंने पूरी ज़िंदगी बकरी को संभाल कर रखा। प्रिंस चार्ल्स ने 1967 में ट्रिनिटी कॉलेज कैम्ब्रिज से आर्कियोलॉजी और हिस्ट्री की पढ़ाई की। वे ब्रिटिश शासन के पहले उत्तराधिकारी थे जिन्होंने विश्वविद्यालय की डिग्री हासिल की थी। नीलामीकर्ता हैन्सन्स ऑक्शनियर्स के मालिक चार्ल्स हैनसन ने कहा, हम इस शाही खोज को पाकर रोमांचित हैं। रेमंड ने इसके ऐतिहासिक महत्व के कारण अब इसे बेचने का फैसला किया है। हम चाहते हैं कि आगे कोई और इसका ख्याल रखे। हमें उम्मीद है कि इसकी कीमत 12,600 डॉलर से ज्यादा होगी। बता दें कि बच्चे स्कूल प्रोजेक्ट में कई बार ऐसी चीजें बना देते हैं कि बड़े से बड़े लोग भी वैसा नहीं सोच पाते। इसीलिए कई बार उनकी कल्पनाओं के आधार पर बड़े प्रोजेक्ट बन जाते हैं। सुदामा/ईएमएस 28 मई 2024